पहलगाम आतंकी हमलों और उसके बाद पाकिस्तान में आतंकी ढांचे पर भारत द्वारा मिसाइल हमलों के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा में रविवार सुबह साइप्रस पहुंचे। राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने गर्मजोशी के साथ प्रधानमंत्री मोदी का हवाई अड्डे पर स्वागत किया। दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए वार्ता करेंगे। इसके बाद मोदी कनाडा और क्रोएशिया जाएंगे। उनकी यात्रा 19 जून को समाप्त होगी।
प्रधानमंत्री कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस यात्रा में भारत और कनाडा, खालिस्तानी चरमपंथियों की गतिविधियों को लेकर पिछले कुछ वर्षों में हुए तनाव के बाद अपने द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्स्थापित कर सकते हैं। यात्रा में अन्य मुद्दों के अलावा खुफिया जानकारी को अधिक साझा करने पर विचार किए जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री के अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और जी-7 सदस्य देशों के अन्य नेताओं से भी मुलाकात की उम्मीद है। मोदी ने पिछली बार ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के कुछ सप्ताह बाद फरवरी में वॉशिंगटन में उनसे मुलाकात की थी।
जैसा कि प्रधानमंत्री ने प्रस्थान के समय दिए वक्तव्य में संकेत दिया, जी-7 शिखर सम्मेलन में पश्चिम एशिया में उभरती स्थिति, विशेष रूप से ईरान-इजरायल संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा होने की संभावना है। सरकार ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, विशेष रूप से एआई-ऊर्जा संबंध और क्वांटम-संबंधित मुद्दे सहित महत्त्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी। अमेरिकी टैरिफ के कारण होने वाले आर्थिक व्यवधानों पर भी बातचीत के दौरान चर्चा हो सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘तीन देशों की यह यात्रा सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में भारत को उनके दृढ़ समर्थन के लिए भागीदार देशों को धन्यवाद देने और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए वैश्विक समझ को बढ़ावा देने का अवसर भी है।’
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले मोदी वैश्विक मुद्दों और विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए मंच प्रदान करेंगे। यह मोदी की 10 वर्षों में पहली कनाडा यात्रा होगी। साइप्रस की यात्रा के बाद वह सोमवार को कैलगरी पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘साइप्रस भूमध्यसागरीय क्षेत्र और यूरोपीय संघ में एक करीबी दोस्त और एक महत्त्वपूर्ण साझेदार है।’ रविवार को प्रधानमंत्री साइप्रस के राष्ट्रपति से बातचीत करेंगे, व्यापार जगत के नेताओं को संबोधित करेंगे और भारत-पश्चिम एशिया आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) की योजनाओं पर चर्चा करेंगे। साइप्रस का पड़ोसी तुर्किये के साथ दशकों पुराना क्षेत्रीय विवाद है और मोदी की निकोसिया यात्रा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को दिए गए समर्थन के लिए तुर्किये को एक संदेश है।
सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री की साइप्रस यात्रा से भूमध्यसागरीय क्षेत्र के साथ भारत के जुड़ाव को मजबूती मिलेगी। अप्रैल 2023-मार्च 2024 के लिए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 13.69 करोड़ डॉलर था। अप्रैल 2000-मार्च 2025 (डीपीआईआईटी अनुमान) के दौरान 14.65 अरब डॉलर के संचयी निवेश के साथ साइप्रस भारत में शीर्ष 10 निवेशकों में से एक है। अपने दौरे के अंतिम चरण में मोदी क्रोएशिया जाएंगे, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा होगी।
भारत और क्रोएशिया के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा, कृषि क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग है। द्विपक्षीय व्यापार लगभग 30 करोड़ डॉलर है। क्रोएशिया में भारतीय निवेश 4.8 करोड़ डॉलर के आसपास है और भारत में क्रोएशियाई निवेश लगभग 60 लाख डॉलर है।
प्रधानमंत्री का जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेना इस वर्ष समूह की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा है। हालांकि भारत जी-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन यह भारत की 12वीं भागीदारी और जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में मोदी की छठी भागीदारी होगी।
जिन मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, उनमें विदेशी हस्तक्षेप और अंतरराष्ट्रीय अपराध का मुकाबला करना, ऊर्जा सुरक्षा का निर्माण और डिजिटल संक्रमण में तेजी लाना, महत्त्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना और आर्थिक विकास को गति देने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और क्वांटम का उपयोग करना शामिल है।