प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घाना की संसद के एक विशेष सत्र को संबोधित किया और ऐसा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बन गए। संसद का यह विशेष सत्र स्पीकर अल्बन किंग्सफोर्ड सुमाना बगबिन के नेतृत्व में आयोजित हुआ। इसमें दोनों देशों के सांसदों, सरकारी अधिकारियों और विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और घाना के बीच साझा स्वतंत्रता संग्राम, लोकतंत्र और समावेशी विकास की प्रतिबद्धता को याद किया। उन्होंने घाना के महान नेता डॉ. क्वामे एनक्रूमा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि एकता, शांति और न्याय जैसे उनके आदर्श आज भी दोनों देशों की साझेदारी की नींव हैं।
उन्होंने डॉ. एनक्रूमा के कथन को उद्धृत किया – “जो ताकतें हमें जोड़ती हैं, वे उन कृत्रिम प्रभावों से कहीं अधिक मजबूत हैं जो हमें अलग करने की कोशिश करती हैं।”
प्रधानमंत्री ने भारत को “लोकतंत्र की जननी” बताते हुए कहा कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्य हमारी संस्कृति में रचे-बसे हैं। उन्होंने भारत की विविधता को उसकी सबसे बड़ी ताकत बताते हुए, घाना के लोकतंत्र की भी सराहना की।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, महामारी और साइबर खतरे जैसी वैश्विक चुनौतियों पर मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज की वकालत की। उन्होंने बताया कि भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाया गया, जो एक महत्वपूर्ण कदम था।
प्रधानमंत्री मोदी को घाना के राष्ट्रपति डॉ. जॉन ड्रामानी महामा द्वारा देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें वैश्विक नेतृत्व और राजनयिक योगदान के लिए दिया गया।
प्रधानमंत्री ने इसे 140 करोड़ भारतीयों की ओर से समर्पित किया, विशेष रूप से भारत की युवा पीढ़ी, सांस्कृतिक विविधता और भारत-घाना की ऐतिहासिक मित्रता के नाम।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एनक्रूमा मेमोरियल पार्क जाकर घाना के पहले राष्ट्रपति डॉ. एनक्रूमा को श्रद्धांजलि अर्पित की। वे घाना की उपराष्ट्रपति प्रोफेसर नाना जेन ओपोकू-अगेमांग के साथ वहां पहुंचे थे।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति महामा के बीच व्यापक बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने भारत-घाना संबंधों को “Comprehensive Partnership” यानी व्यापक भागीदारी के रूप में बढ़ाने का फैसला लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि घाना की राष्ट्र-निर्माण यात्रा में भारत एक साथी और सहयोगी की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने भारत द्वारा स्थापित प्रमुख परियोजनाओं — जैसे ग्रैंड जुबिली हाउस, कोमेंडा शुगर फैक्ट्री, कोफी अन्नान ICT सेंटर, और तेमा-मपाकादन रेलवे लाइन का उल्लेख करते हुए उन्हें भारत-घाना साझेदारी के प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज को आगे बढ़ाने में घाना की भूमिका की सराहना की। उन्होंने दोनों देशों की संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर समान सोच की बात कही। आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और सुरक्षा साझेदारी को और मज़बूत करने पर सहमति बनी।
प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए:
Trump-Modi की टेलिफोन वार्ता की कहानी, विदेश सचिव विक्रम मिस्री की जुबानी
Explainer: कनाडा में पढ़ाई, नौकरी और सिटीजनशिप का कड़वा सच