facebookmetapixel
डीपीडीपी अधिनियम के नियम लागू होने से भारत में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता का परिदृश्य पूरी तरह बदलेगालाल किले में सजेगा अब ‘महाराजा’ का दरबार, एनजीएमए ने खोलीं दो नई कला दीर्घाएंपूर्वोत्तर में हुई है अभूतपूर्व वृद्धि, ₹4.48 लाख करोड़ के निवेश का संकल्प लिया गया: ज्योतिरादित्य सिंधियानिजी इक्विटी की रफ्तार से 2025 में विलय-अधिग्रहण गतिविधियों में रिकॉर्ड तेजी, खुली पेशकश 17 साल के हाई परसाल में दूसरी बार बढ़ा रेल यात्री किराया, सालाना 600 करोड़ रुपये अतिरिक्त रेवेन्यू की उम्मीदबिज़नेस स्टैंडर्ड का सर्वेक्षण: दिसंबर अंत में 90 प्रति डॉलर के करीब होगा रुपयाEditorial: जॉर्डन से ओमान तक, संबंधों को मजबूतीबजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर फिर से जोर, निजी भागीदारी को मिले बढ़ावा‘धुरंधर’ से बॉलीवुड में नई पीढ़ी की सॉफ्ट पावर का आगमनप्रधानमंत्री मोदी ने असम को दी ₹15,600 करोड़ की सौगात, अमोनिया-यूरिया प्लांट की रखी आधारशिला

Meta-WhatsApp ने ₹213 करोड़ जुर्माने के खिलाफ NCLAT में दी चुनौती, CCI के आदेश पर 23 जनवरी को होगी सुनवाई

यह जुर्माना व्हाट्सऐप की 2021 गोपनीयता नीति से संबंधित अपने दबदबे के कथित दुरुपयोग पर लगाया गया था।

Last Updated- January 16, 2025 | 10:40 PM IST
Meta

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील पंचाट (एनसीएलएटी) ने बुधवार को मेटा प्लेटफॉर्म्स (पहले फेसबुक) और व्हाट्सऐप की उन याचिकाओं को स्वीकार कर लिया जिनमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश को चुनौती दी गई है। आयोग ने टेक दिग्गज पर 213.4 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना व्हाट्सऐप की 2021 गोपनीयता नीति से संबंधित अपने दबदबे के कथित दुरुपयोग पर लगाया गया था।

इस मुद्दे पर मेटा और सीसीआई से आरंभिक अनुरोधों पर सुनवाई के बाद एनसीएलएटी के दो सदस्यीय पीठ (न्यायमूर्ति अशोक भूषण के नेतृत्व में) ने कहा कि इस मामले पर विचार की जरूरत है। पीठ ने कहा, ‘पक्षों के अनुरोध पर विचार करने की आवश्यकता है। हम दोनों अनुरोध स्वीकार करते हैं।’ एनसीएलएटी 23 जनवरी को यह तय करेगा कि सीसीआई के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई जाए या नहीं।

मेटा और व्हाट्सऐप के वकील ने अंतरिम रोक की मांग की, लेकिन सीसीआई ने इसका विरोध किया है। मेटा ने पहले एनसीएलएटी से मामले की तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था। सीसीआई ने कहा था कि एंटी-ट्रस्ट नियामक कंपनी की गोपनीयता नीति की जांच कर रहा है जो न तो पारदर्शी है और न ही उपयोगकर्ता की स्वैच्छिक सहमति पर आधारित है। ऐसी नीति से अत्यधिक डेटा संग्रह और लक्षित विज्ञापन के लिए उपभोक्ताओं का ‘पीछा’ करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी ताकि अधिक उपयोगकर्ता आकर्षित हो सकें और इसलिए यह अपने दबदबे या स्थिति का दुरुपयोग माना जाता है।

जनवरी 2021 में कुछ खबरें सामने आने के बाद सीसीआई ने स्वयं व्हाट्सऐप की अद्यतन गोपनीयता नीति पर गौर करने का निर्णय लिया था।

First Published - January 16, 2025 | 10:40 PM IST

संबंधित पोस्ट