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PM मोदी ने मालदीव को ₹4,850 करोड़ की सहायता देने का किया ऐलान, द्विपक्षीय सहयोग को भी बढ़ाया जाएगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में उसका समर्थन करेगा।

Last Updated- July 26, 2025 | 3:28 AM IST
Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने का ऐलान किया है। शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे मोदी ने कहा कि भारत को इस द्वीपीय राष्ट्र का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है। मोदी ने यह टिप्पणी मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ वार्ता के बाद की, जिसमें व्यापार, रक्षा और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर व्यापक चर्चा हुई। मोदी ने यह भी घोषणा की है कि दोनों देश द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे तथा मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मालदीव भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) दृष्टिकोण में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। मोदी ने कहा कि भारत ने मालदीव को 56.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (4,850 करोड़ रुपये) की ऋण सुविधा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग आपसी विश्वास का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में उसका समर्थन करेगा। मोदी आज सुबह माले पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मुइज्जू और उनकी सरकार के कई शीर्ष मंत्रियों ने वेलेना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इससे माले द्वारा इस यात्रा को दिए गए महत्त्व का पता चलता है। मालदीव पहुंचने के कुछ घंटों बाद मोदी का प्रतिष्ठित रिपब्लिक स्क्वायर पर औपचारिक रूप से स्वागत किया गया और उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।

मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा हवाई अड्डे पर आकर मेरा स्वागत करने के भाव से मैं बहुत प्रभावित हूं। मुझे विश्वास है कि भारत-मालदीव मित्रता आने वाले समय में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगी।’ दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले बैठक की। द्विपक्षीय संबंधों में यह बदलाव इसलिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू नवंबर 2023 में ‘इंडिया आउट’ अभियान के बल पर द्वीपीय राष्ट्र की सत्ता में आए हैं। मुइज्जू के कार्यकाल के शुरुआती कुछ महीनों के दौरान उनकी नीतियों के कारण संबंधों में भारी तनाव पैदा हो गया था। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग कर दी थी।

इसके बाद भारत ने उनकी जगह असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया। भारतीय सैन्य कर्मियों को मालदीव में दो हेलीकॉप्टरों और एक विमान के रखरखाव और संचालन के लिए तैनात किया गया था, जिनका उपयोग मानवीय और बचाव कार्यों के लिए किया गया था। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भारत के निरंतर प्रयासों ने संबंधों को पुनः पटरी पर लाने में मदद की, जिसमें द्वीपीय राष्ट्र को उसकी आर्थिक समस्याओं से निपटने में सहायता देना भी शामिल है। 

विदेश सचिव विक्रम मिसरी से जब संबंधों में आए बदलाव के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा, ‘हमने इस पर काम करना जारी रखा है और मुझे लगता है कि इसका परिणाम आपके सामने है।’ मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और रक्षा तथा सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में मालदीव की पिछली सरकारों के कार्यकाल में वृद्धि देखी गई थी। 

लगातार दूसरे सबसे लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री बने मोदी 

नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इंदिरा गांधी को पीछे छोड़कर लगातार सबसे लंबे समय तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले दूसरे नेता बन गए हैं। अभी तब सबसे अधिक समय तक इस पद पर रहने का रिकार्ड प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम है। अधिकारियों ने बताया कि मोदी ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल के 4,078 दिन पूरे कर लिए। इंदिरा गांधी 24 जनवरी, 1966 से 24 मार्च, 1977 तक लगातार 4,077 दिन तक प्रधानमंत्री रही थीं। भाषा

First Published - July 25, 2025 | 10:50 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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