उत्तरी आयरलैंड की 90 साल की एक महिला कोविड-19 से बचाव के लिए फाइजराबायोएनटेक द्वारा निर्मित टीका लगवाने वाली दुनिया की पहली व्यक्ति बन गई हैं। मार्गरेट कीनान मैगी को टीका लगाए जाने के साथ ही ब्रिटेन के इतिहास के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत भी हो गई। मैगी को कोवेंट्री के स्थानीय अस्पताल में सुबह छह बजकर 31 मिनट पर नर्स मे पारसंस ने कोविड-19 का टीका लगाया। नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने इसे ऐतिहासिक पल बताया। इस दिन को भयावह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वी-डे या वैक्सिन डे कहा जा रहा है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस पल को एक बड़ी प्रगति बताया और ब्रिटेन में मंगलवार को वी-डे या वैक्सीन डे होने की बात कही है।
मैगी को अगली खुराक (बूस्टर डोज) के तौर पर दूसरा टीका 21 दिन बाद लगाया जाएगा। उनके अलावा उत्तर-पूर्वी इंगलैंड के भारतीय मूल के 87 वर्षीय हरि शुक्ला दुनिया के उन कुछ पहले लोगों में शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 का टीका लगेगा। शुक्ला को न्यूकैसल में एक अस्पताल में फाइजराबायोएनटेक द्वारा विकसित टीका लगाया जाएगा। एनएचएस द्वारा कुछ लोगों को ब्रिटेन की टीका एवं टीकाकरण संबंधी संयुक्त समिति द्वारा निर्धारित मानदंड के आधार पर चुना गया था। घातक वायरस से मौत का सबसे अधिक खतरा जिन लोगों को है, उसके आधार पर ही टीकाकरण किया जाएगा। सबसे पहले यह टीका 80 या उससे अधिक वर्ष के लोगों, स्वास्थ्य कर्मी सहित एनएचएस के कर्मियों को सबसे पहले लगेगा।
ब्रिटेन की दवा एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पादन नियामक एजेंसी (एमएचआरए) ने पिछले हफ्ते इस टीके को मंजूर दी थी।
