कनाडा सरकार ने साफ चेतावनी दी है कि शरण (Asylum) मांगना कनाडा में रहने की गारंटी नहीं है और यह किसी भी तरह से इमिग्रेशन नियमों को दरकिनार करने का “शॉर्टकट” नहीं है। इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज़ एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने बुधवार को यह बयान जारी करते हुए लोगों से कहा कि वे शरण प्रक्रिया को समझें और सोच-समझकर ही कोई जीवन बदलने वाला निर्णय लें।
IRCC ने कहा, “कनाडा की शरण प्रणाली उन लोगों की मदद करती है जो अपने देश में उत्पीड़न, जीवन के खतरे, यातना या अमानवीय व्यवहार से डर के कारण भागे हैं।” लेकिन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि हर दावा स्वीकार नहीं किया जाता और झूठा दावा करने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
यह बयान रविवार रात क्यूबेक के स्टैनस्टेड इलाके में रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) द्वारा 44 शरणार्थियों की गिरफ्तारी के बाद आया है। हस्केल रोड के पास एक ट्रक में सवार इन लोगों में बच्चे भी शामिल थे। इन्हें कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) के स्टैनस्टेड कार्यालय में प्रोसेसिंग के लिए ले जाया गया। CBSA के ईस्ट बॉर्डर डायरेक्टर मिगुएल बेगिन ने बताया कि अधिकांश लोगों को सेंट-बर्नार्ड-डी-लेकॉल प्रोसेसिंग सेंटर में शिफ्ट किया गया है।
एक व्यक्ति तभी शरण का पात्र होता है जब वह साबित कर सके कि अपने देश लौटने पर उसे यातना, जान का खतरा या अमानवीय सज़ा का सामना करना पड़ेगा। आर्थिक कारण, जैसे बेहतर नौकरी या बच्चों की शिक्षा, शरण का वैध आधार नहीं माने जाते।
अमेरिका के रास्ते कनाडा में प्रवेश करने वालों के लिए “सेफ थर्ड कंट्री एग्रीमेंट” (STCA) लागू होता है। इसके तहत शरणार्थियों को पहले सुरक्षित देश में ही दावा करना होता है। ऐसे मामलों में यदि व्यक्ति अमेरिका से कनाडा में प्रवेश करता है, तो उसे वापस भेज दिया जाता है।
CBSA के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2025 के पहले छह दिनों में सेंट-बर्नार्ड-डी-लेकॉल पर 761 शरणार्थी दावे किए गए — जो पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 400% अधिक हैं। जून में 128% वृद्धि देखी गई, जबकि 2025 की शुरुआत से अब तक मामलों में 82% की वृद्धि हो चुकी है।
2025 की पहली तिमाही में 5,500 अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने शरण के लिए आवेदन किया। 2024 में यह संख्या 20,245 थी, जो 2023 की तुलना में लगभग दोगुनी और 2019 की तुलना में छह गुना अधिक है।
2024 में सबसे अधिक शरण मांगने वाले छात्र इन देशों से थे:
कनाडा-स्थित इमिग्रेशन विश्लेषक दर्शन महाराजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, “कई भारतीय इस विकल्प को चुन सकते हैं। नजदीकी भूगोल के अलावा, कनाडा में वामपंथी विचारधारा का वर्चस्व और कई ऐसे समूहों की मौजूदगी है जो शरणार्थियों की मदद करते हैं — यह भी एक बड़ा कारण है।” IRCC ने चेतावनी दी कि लोगों को पैसे देकर अवैध रूप से कनाडा भेजने वाले दलालों के झांसे में न आएं। झूठे या अयोग्य दावों पर कनाडा में प्रवेश पर पाबंदी और परिवार के सदस्यों के आने पर भी रोक लग सकती है।