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चोट खाए बैंक छंटनी करने में सबसे आगे…

Last Updated- December 05, 2022 | 5:01 PM IST

अमेरिकी बैंकों को मॉर्गेज संकट और बट्टे खाते में रकम डालने की वजह से जितना नुकसान उठाना पड़ा है उसकी सारी कसर ये बैंक लगता है जैसे नौकरियों में कटौती करके ही निकाल रहे हें।


यूं तो मंदी की कगार पर पहुंच चुके अमेरिका में लगभग सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर कम हुए हैं पर खास तौर पर बैंकिंग क्षेत्र में यह आंकड़ा कुछ ज्यादा ही है।



अमेरिकी बैंकों ने पिछले नौ महीनों में करीब 34,000 कर्मचारियों की छंटनी की है और यह संख्या 2001 में आए डॉट कॉम संकट के बाद से अब तक की सबसे अधिक है। डॉट कॉम संकट के दौरान इंटरनेट के बढ़ते उपयोग की वजह से काफी संख्या में रोजगार के अवसर कम हुए थे।


जब डॉट कॉम संकट आया था तो उस समय करीब 39,800 कर्मचारियों को बैंकों से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। अगले दो वर्षों में यह संख्या बढ़कर 90,000 तक पहुंच गई थी। कर्मचारियों की छंटनी करने में सबसे आगे रहे हैं सिटीग्रुप इंक, लीमान ब्रदर्स होल्डिंस इंक और मॉर्गन स्टैनली बैंक। इसके पीछे प्रमुख वजह यह है कि सबप्राइम और ऋण ऋण संकट की वजह से अमेरिका की वित्तीय इकाइयों को करीब 200 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।


इसका एक ताजा उदाहरण अमेरिका की पांचवी सबसे बड़ी प्रतिभूति इकाई बेयर स्टीयर्न्स है, जो हाल ही में वित्तीय संकट की वजह से दिवालियेपन के कगार पर पहुंच गई थी।हालांकि उसके बाद फेडरल रिजर्व और जेपी मॉर्गन समूह इस बैंक की सहायता के लिए सामने आ गया। न्यूयार्क में कार्यकारी सर्च इकाई बटालिया विंस्टन इंटरनेशनल के साझेदार जो बेनेट ने कहा, ”यह स्थिति 2001 से भी बुरी है।


हमें यह तक नहीं पता है कि कितने समय तक कर्मचारियों की छंटनी जारी रहेगी।” उन्होंने कहा कि आश्चर्य नहीं होना चाहिए अगर आने वाले कुछ वर्षों में कर्मचारियों की छंटनी का आंकड़ा बढ़ कर 10,000 तक पहुंच जाए।बैंकों ने पिछले वर्ष जुलाई से कर्मचारियों की छंटनी शुरू की थी और तब से लेकर दिसंबर तक कुल 17,000 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। अब तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो पता चलता है कि सिटीग्रुप ने करीब 1.7 फीसदी कर्मचारियों की कटौती की है।


वहीं लीमान ने 18 फीसदी कर्मचारियों को नौरी से निकाला है। मॉर्गन स्टैनली अपने कर्मचारियों में 6.2 तो मेरिल लिंच 4.5 फीसदी की कटौती कर चुका है। नौकरी से निकाले जा चुके ये कर्मचारी अब दूसरी जगहों पर रोजगार के अवसर तलाश रहे हैं।बेयर स्टीयर्न्स जिसे खरीदने के लिए मॉर्गन स्टैनली ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है, के कर्मचारियों की भी इस अधिग्रहण के बाद भारी तादाद में छंटनी की आशंका है। ऐसा माना जा रहा है कि बेयर स्टीयर्न्स के करीब आधे यानी 14,000 कर्मचारी इस अधिग्रहण के बाद सड़क पर आ जाएंगे।


ऐसा इसलिए क्योंकि माना जा रहा है कि अधिग्रहण के बाद जेपी मॉर्गन बेयर स्टीयर्न्स की कुछ इकाइयों पर ताला लगा सकता है। कुछ बैंकों ने तो अपने घाटे को ध्यान में रखते हुए अब अपने कर्मचारियों को निकालकर निचले तबके के कर्मचारियों को भर्ती करना शुरू कर दिया है। ऐसा करने से उन्हें यह फायदा होता है कि एक तो ये बैंक पहले से ही भारी नुकसान उठा रहे होते हैं, ऐसे में जब उन्हें कम वेतनमान पर कर्मचारी मिल जाते हैं तो उनका लागत खर्च कुछ नीचे आ जाता है।


साथ ही जानकारों की यह राय भी है कि जब भी बैंक कर्मचारियों की छंटनी करते हैं तो सबसे पहले सपोर्ट स्टाफ पर गाज गिरती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब बैंक वापस से अच्छा प्रदर्शन करने लगते हैं तो इन्हें दुबारा से भर्ती करने के लिए ज्यादा खोजबीन नहीं करनी पड़ती है। इन्हें वापस से भर्ती करना आसान होता है। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि वित्तीय संकट की मार झेल रहे बैंकों ने अपने बही खाते की तस्वीर बदलने के लिए कर्मचारियों के ऊपर हथौड़ा मारा है। कर्मचारियों की छंटनी के जरिए वे अपने नुकसान की भरपाई में जुटी हुई हैं।


एक नजर


इकाई                                            छंटनी
सिटीग्रुप                                        6,200
लीमान ब्रदर्स                                4,990
बैंक ऑफ अमेरिका                     3,650
मॉर्गन स्टैनली                             2,940
मेरिल लिंच                                 2,600
एचएसबीसी                                1,650
बेयर स्टीयर्न्स                            1,550

First Published - March 25, 2008 | 9:45 PM IST

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