भारत अमेरिका में अवैध ढंग से रह रहे भारतीय प्रवासियों को चिह्नित करने और उन्हें वापस लेने के लिए डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ काम करने को तैयार है। संवाद समिति ब्लूमबर्ग ने मंगलवार को बताया कि दोनों देशों ने करीब 1,80,000 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान कर ली है।
ट्रंप ने सोमवार को अपने शपथ ग्रहण समारोह में देश की दक्षिणी सीमाओं पर अवैध प्रवेश के कारण राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी थी। उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों का अवैध प्रवेश तत्काल रोक जाएगा और उनका प्रशासन ‘इन अपराधियों को जहां से आए थे वहां वापस भेजने’ की कार्रवाई को शुरू करेगा।
अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने अमेरिका की सीमा अवैध पार करने के दौरान पकड़े गए 100 भारतीयों को हवाई जहाज से 22 अक्टूबर को भेजा था। अमेरिका 2023-24 के बाद से 1,100 से अधिक भारतीय नागरिकों को भेज चुका है।
डीएचएस 2023-24 के दौरान भारत सहित 145 देशों से 1,60,000 व्यक्तियों को 495 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के जरिये उनके देश भेज चुका है। भारत अपने नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश करने के लिए कानूनी आव्रजन चैनलों में विशेष तौर पर छात्र वीजा और कुशल श्रमिकों के एच1 बी प्रोग्राम के इस्तेमाल किए जाने को लेकर चिंतित है।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार भारत के नागरिकों ने वर्ष 2023 में जारी 3,86,000 एच-1बी वीजा में से तीन चौथाई हासिल किए थे। हालांकि अमेरिका के सीमा अधिकारियों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में गैरकानूनी ढंग से सीमा पार करने वालों में भारतीयों की संख्या मात्र 3 प्रतिशत थी। अमेरिका में सबसे बड़े अवैध प्रवासियों की हिस्सेदारी लैटिन अमेरिका के देशों जैसे वेनेजुएला और ग्वाटेमाला की है।