facebookmetapixel
अगर यात्रा के दौरान चलती ट्रेन से आपका फोन हाथ से गिर जाए तो आपको क्या करना चाहिए?Dr Reddy’s Q2 Results: मुनाफा 14.5% बढ़कर ₹1,437.2 करोड़ पर पहुंचा, आय बढ़कर ₹8,805 करोड़ परकहीं आप फर्जी दवा तो नहीं ले रहे? CDSCO की जांच में मिला नकली कफ सिरप और 112 कम क्वालिटी वाली दवाएंभारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है फाइनल, अधिकारी कानूनी दस्तावेज तैयार करने में जुटेसरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा! इस राज्य सरकार ने DA-DR बढ़ाने का किया ऐलान, जानें डिटेलऑफिस किराए में जबरदस्त उछाल! जानें, दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु – किस शहर में सबसे तेज बढ़े दाम?HUL vs Nestle vs Colgate – कौन बनेगा FMCG का अगला स्टार? जानें किस शेयर में है 15% तक रिटर्न की ताकत!EPF खाताधारकों को फ्री में मिलता है ₹7 लाख का कवर! जानें इस योजना की सभी खासियतPiyush Pandey Demise: ‘दो बूंद जिंदकी की…’ से लेकर ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ तक, पीयूष पांडे के 7 यादगार ऐड कैम्पेनदिवाली के बाद किस ऑटो शेयर में आएगी रफ्तार – Maruti, Tata या Hyundai?

India- New zealand FTA को लेकर 5 दिन तक चला बातचीत का दौर

दोनों देशों ने लगभग दस वर्षों के अंतराल के बाद 16 मार्च 2025 को एफटीए वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा की थी।

Last Updated- May 09, 2025 | 6:35 PM IST
India New Zealand bilateral Talks

भारत और न्यूजीलैंड के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर चल रही पांच दिवसीय वार्ता शुक्रवार को समाप्त हो गई। इस वार्ता का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को नई गति देना है। दोनों देशों ने लगभग दस वर्षों के अंतराल के बाद 16 मार्च 2025 को एफटीए वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा की थी।

एक सरकारी अधिकारी ने बताया, “पहले दौर की वार्ता 5 मई को शुरू हुई थी।” इससे पहले भारत और न्यूजीलैंड ने अप्रैल 2010 में व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) पर बातचीत शुरू की थी, लेकिन फरवरी 2015 में दस दौर की चर्चा के बाद वार्ता स्थगित हो गई थी।

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, एफटीए दोनों देशों के लिए व्यापार और उपभोक्ताओं के लिए नए अवसर खोल सकता है। वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 873.4 मिलियन डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात 538.3 मिलियन डॉलर और आयात 335 मिलियन डॉलर का था।

हालांकि, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, वार्ता में सबसे बड़ी चुनौती शुल्क संरचना में असमानता है। न्यूजीलैंड का औसत आयात शुल्क सिर्फ 2.3% है और इसके आधे से अधिक आयात शुल्क-मुक्त हैं, जिससे भारतीय उत्पादों को पहले से ही अच्छा बाजार मिला हुआ है। इसके विपरीत, भारत का औसत शुल्क 17.8% है, जिससे भारत को शुल्कों में महत्वपूर्ण कटौती करनी होगी, जो भारत के लिए यह एफटीए कम आकर्षक बना देता है।

न्यूजीलैंड भारत से डेयरी उत्पादों के लिए अधिक पहुंच की मांग करता रहा है, लेकिन भारत अपनी घरेलू डेयरी इंडस्ट्री की सुरक्षा के लिए इसका विरोध करता रहा है। भारत ने अब तक किसी भी व्यापार समझौते में डेयरी क्षेत्र को शुल्क रियायतें नहीं दी हैं।

मुख्य निर्यात- आयात:

भारत न्यूजीलैंड को कपड़े, दवाएं, कृषि उपकरण, पेट्रोलियम उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स, बासमती चावल आदि निर्यात करता है। वहीं न्यूजीलैंड से भारत मुख्य रूप से सेब, कीवी, मटन, कोयला, लकड़ी, दूध उत्पाद और खनिज पदार्थ आयात करता है।

सेवाओं के क्षेत्र में भी दोनों देशों का व्यापार बढ़ रहा है। FY24 में भारत ने न्यूजीलैंड को 214.1 मिलियन डॉलर की सेवाएं निर्यात कीं, जबकि न्यूजीलैंड से सेवाओं का आयात 456.5 मिलियन डॉलर का रहा। भारत आईटी, हेल्थकेयर और फिनटेक सेवाएं प्रदान करता है, वहीं न्यूजीलैंड शिक्षा, पर्यटन और उन्नत तकनीकी सेवाओं में अग्रणी है।

(एजेंसी इनपुट के साथ) 

India UK FTA: स्मार्टफोन और सस्ते EV पर भारत की सख्ती, ब्रिटेन को नहीं मिली एंट्री 

India-EU FTA: 2025 तक डील फाइनल करने की तैयारी, 12 मई से बातचीत का नया दौर

First Published - May 9, 2025 | 6:11 PM IST

संबंधित पोस्ट