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India-Africa Forum: भारत-अफ्रीका फोरम का चौथा शिखर सम्मेलन जल्द 

इस साल के अंत में केन्या की राजधानी नैरोबी में भारत-अफ्रीका फोरम का चौथा शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई गई है।

Last Updated- October 02, 2023 | 11:00 PM IST
India is your trusted partner: PM Modi to African countries

हाल में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2024) के बाद अफ्रीकी देशों से बढ़ते भू-राजनीतिक समर्थन का लाभ उठाने के लिए उत्सुक भारत अफ्रीकी संघ के साथ मिलकर काम कर रहा है।

सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस साल के अंत में केन्या की राजधानी नैरोबी में भारत-अफ्रीका फोरम का चौथा शिखर सम्मेलन (India-Africa Forum) आयोजित करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ 50 से अधिक अफ्रीकी देशों के नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है।

भारत-अफ्रीका फोरम का पहला शिखर सम्मेलन 2008 में नई दिल्ली में आयोजित हुआ था। उसे अफ्रीकी देशों के साथ व्यापक साझेदारी की संभावनाएं तलाशने की दिशा में भारत के शुरुआती राजनयिक प्रयास के तौर पर देखा जाता है। भारत ने यह पहल ऐसे समय में की थी जब चीन अफ्रीकी देशों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रहा था।

दूसरे शिखर सम्मेलन का आयोजन 2011 में इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में किया गया था जबकि 2015 में तीसरा शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। हरेक तीन साल बाद यह शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई गई थी। मगर कोविड वैश्विक महामारी एवं अन्य कारणों से उसे टाल दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि आगामी शिखर सम्मेलन का आयोजन इसी साल नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में किया जाएगा।

नई दिल्ली में एक अफ्रीकी दूतावास के वरिष्ठ राजनयिक ने कहा, ‘उम्मीद की जा रही थी कि चौथा शिखर सम्मेलन भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान आयोजित किया जाएगा क्योंकि इस दौरान अफ्रीका और भारत के बीच तालमेल जबरदस्त ऊंचाई पर पहुंच गया है। यह शिखर सम्मेलन पिछले 8 वर्षों के दौरान दोनों ताकतों के बीच विकसित मजबूत एवं विविध संबंधों को प्रदर्शित करेगा।’

भारत ने इस साल जनवरी में ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल तरीके से किया था। उसमें 54 अफ्रीकी देशों में से 47 ने भाग लिया था। उनकी सिफारिशों को भारत के आधिकारिक जी20 एजेंडे में शामिल किया गया। उसके बाद भारत के प्रयास से अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाया गया। इससे पहले पूरे अफ़्रीकी महाद्वीप से केवल एक ही देश- दक्षिण अफ्रीका- जी20 का सदस्य था।

व्यापार एवं बुनियादी ढांचा

एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल सरकार भारत और अफ्रीका के बीच आर्थिक संबंधों और बुनियादी ढांचा संबंधी करारों को बेहतर करने के उद्देश्य से विभिन्न पहल पर काम कर रही है। उसकी घोषणा शिखर सम्मेलन में की जा सकती है।

अफ्रीका एक विशाल बाजार है जहां 3 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था है और 1.3 अरब लोग रहते हैं। अफ्रीकी देशों के बीच आंतरिक व्यापार बाहरी देशों के साथ उनके व्यापार के मुकाबले काफी कम है। इस बीच, चीन के साथ उनके व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और चीन यूरोपीय संघ के बाद अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बन गया है।

नई दिल्ली विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में भारत को एक वैकल्पिक स्रोत के रूप में पेश करते हुए इस समीकरण को बदलना चाहती है। मई में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2022 तक अफ्रीका का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था। उसका निर्यात में 7 फीसदी (32.3 अरब डॉलर) और आयात में 5 फीसदी (28 अरब डॉलर) का योगदान था।

निर्यात फाइनैंशिंग एवं सरकार के निर्देश पर अन्य देशों को ऋण देने वाला एग्जिम बैंक 300 से अधिक लघु भारतीय कंपनियों को अफ्रीका में कारोबार के विस्तार के लिए पहले ही मदद कर रहा है। भारतीय कंपनियों के करीब 75 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत अफ्रीका के पांच शीर्ष निवेशकों में शामिल है।

वैश्विक व्यापार समुदाय के साथ आधिकारिक जी20 डायलॉग फोरम बिजनेस20 (बी20) ने भारत की जी20 अध्यक्षता में अफ्रीकी आर्थिक एकीकरण के लिए काफी काम किया है। बी20 परिषद के प्रमुख और भारती एयरटेल के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने पहले बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा था कि इसमें प्रधानमंत्री की विशेष रुचि है क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां वह एक विरासत छोड़ना चाहते हैं।

सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में बी20 के सुझावों पर आगामी शिखर सम्मेलन में चर्चा की जाएगी। इसके अलावा प्रमुख सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय समाधानों को तैनात करने के प्रयास किए जाएंगे। इन सिफारिशों में भारत की जन धन-आधार मोबाइल प्रौद्योगिकी के आधार पर अफ्रीका में डिजिटल एवं फिजिकल बुनियादी ढांचे की स्थापना, अफ्रीकी खाद्य प्रणालियों को विकसित करना और लॉजिस्टिक एवं व्यापार बाधाओं को दूर करना शामिल है।

भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन में इस बात पर भी चर्चा होगी कि भारतीय बुनियादी ढांचा कंपनियों द्वारा उस महाद्वीप में बेहतर निवेश कैसे किया जाए।

First Published - October 2, 2023 | 11:00 PM IST

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