भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतरिम व्यापार समझौते के तहत भारत ऑस्ट्रेलिया से महंगी शराब के आयात पर शुल्क को कम कर सकता है। यह समझौता इस महीने के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। यह जानकारी मामले से अवगत लोगों ने दी है।
इस अंतरिम व्यापार समझौते पर पिछले वर्ष के सितंबर से बातचीत चल रही है और माना जा रहा था कि इस महीने के अंत तक यह समझौता हो जाएगा। दोनों देशों ने पहले इसके लिए 25 दिसंबर की समयसीमा तय की थी लेकिन सौदे को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका क्योंकि दोनों देश बाजार पहुंच के मुद्दे पर असहमति को दूर नहीं कर पाए थे। उक्त लोगों में से एक व्यक्ति ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमने लगभग सभी चीजें पूरी कर ली हैं लेकिन कुछ असहमतियों का समाधान किया जाना बाकी है।’
इस बार असहमति की वजह कोयला बन रहा है क्योंकि भारत इस जिंस का शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने के पक्ष में नहीं है। सरकार के इस रुख की वजह यह है कि इसके कारण उसे राजस्व का कुछ नुकसान उठाना पड़ेगा। अप्रैल से जनवरी के दौरान भारत ने ऑस्ट्रेलिया से 13.5 अरब डॉलर के सामानों का आयात किया था। वहां से भारत आई खेपों में से 76 फीसदी विभिन्न श्रेणियों का कोयला है। उक्त व्यक्ति ने कहा, ‘कोयला पर निर्णय होना अहम बात है क्योंकि आस्ट्रेलिया से आयात होने वाली सभी चीजों में से कोयले की हिस्सेदारी बड़ी होती है।’
जहां तक शराब की बात है तो ऑस्ट्रेलिया उस श्रेणी की शराब का निर्यात करेगा जिसका भारत में स्थानीय स्तर पर उत्पादित शराब से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होगी। फिलहाल आयातित शराब पर 150 फीसदी का शुल्क लगता है। अधिकारी ने कहा, ‘शराब पर शुल्क को शून्य नहीं किया जा सकता है लेकिन कर में कटौती की जा सकती है।’ प्रस्तावित सौदे में कम शुल्क और कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, फुटवियर, चमड़े जैसे क्षेत्रों में भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ी बाजार पहुंच को शामिल करने की संभावना है।
शुरुआती चरणों में भारत ने स्पष्ट किया था कि कृषि और डेयरी जैसी विवादित वस्तुओं के लिए बड़ी बाजार पहुंच को कम से कम फिलहाल के लिए समझौते से दूर रखा जा सकता है क्योंकि इस निर्णय से भारत के छोटे कारोबारियों, किसानों, डेयरी उद्योग को नुकसान पहुंच सकता है। इसी तरह से सेवाओं का निर्यात एक संवेदनशील क्षेत्र है जिसको लेकर ऑस्ट्रेलिया चिंतित है। आज दोनों देशों की ओर से अलग अलग जारी किए गए संयुक्त बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष ने व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर हो रही चर्चाओं में अच्छी प्रगति का स्वागत किया है।