ट्रांसपोर्टेशन के लिए अब पेट्रोल-डीजल पर हमारी निर्भरता पूरी तरह से समाप्त होने वाली है। दुनिया ने अब तक मेट्रो, बुलेट ट्रेन और इलेक्ट्रिक व्हीकल का जलवा देखा है, और अब बहुत ही जल्द इलेक्ट्रिक रोड का जलवा देखने वाली है। एक ऐसी इलेक्ट्रिक सड़क जिस पर गाड़िया चलते हुए ही चार्ज होंगी। स्वीडन दुनिया का पहला इलेक्ट्रिक रोड बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। जर्मनी और फ्रांस भी इस प्रोजेक्ट में स्वीडन के साथी हैं।
कहां और कब तक बनकर तैयार होगा इलेक्ट्रिक रोड
दुनिया की पहली इलेक्ट्रिक सड़क स्वीडन में बनकर तैयार होगी। इस इलेक्ट्रिक सड़क के बन जाने से इलेक्ट्रिक व्हीकल को ड्राइविंग के दौरान चार्ज करने का रास्ता खुल जाएगा जिससे चार्जिंग स्टेशनों पर बार-बार रुकने की जरूरत नहीं होगी और इलेक्ट्रिक व्हीकल की क्षमता में काफी सुधार होगा। प्रस्तावित परियोजना अभी शुरुआती स्टेज पर है और 2025 तक इलेक्ट्रिक सड़क बनाने की योजना है। इस प्रोजेक्ट के तहत एक हाईवे को स्थाई इलेक्ट्रिक सड़क में बदलना है। इसके अलावा 2045 तक 3,000 किलोमीटर की इलेक्ट्रिक सड़कों का विस्तार करना है।
स्वीडन, जर्मनी और फ्रांस मिलकर तैयार करेंगे इलेक्ट्रिक सड़क
जर्मनी और फ्रांस भी इस प्रोजेक्ट में स्वीडन के साथी हैं। स्वीडन ने इलेक्ट्रिक सड़कों पर ज्ञान (knowledge) और अनुसंधान (research) साझा करने के लिए जर्मनी और फ्रांस के साथ मिलकर काम किया है। जर्मनी और स्वीडन में इलेक्ट्रिक सड़कों के लिए डमी टेस्टिंग जैसी सुविधाएं हैं, जबकि फ्रांस एक इलेक्ट्रिक सड़क सिस्टम के ट्रायल के लिए एक पायलट सेक्शन की योजना बना रहा है।
भारत जैसे देशों के लिए वरदान साबित होंगी इलेक्ट्रिक सड़क
इलेक्ट्रिक सड़क भारत जैसे देशों के लिए वरदान साबित होंगी। क्योंकि वर्तमान में भारत पेट्रोल और डीजल की अपनी 80 से 85 फीसदी आवश्यकता के लिए रूस और तेल उत्पादक देशों पर निर्भर हैं। रूस और OPEC देशों से तेल के आयात पर भारी-भरकम रकम खर्च होती है। इससे अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ता है। इलेक्ट्रिक सड़क की तकनीक भारत में आ जाने पर इसकी रूस और OPEC देशों पर निर्भरता कम होगी। विदेशी मुद्रा की बचत होगी, महंगाई कम होगी। भारत जैसे देश अपने विकास पर अधिक धन खर्च करने में सक्षम हो सकेंगे।