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EFTA: स्विटजरलैंड की कई कंपनियां आना चाह रही भारत, चॉकलेट से लेकर ई-बसों की मैन्युफैक्चरिंग तक का इरादा

भारत और चार देशों के यूरोपीय समूह EFTA ने 10 मार्च को एक व्यापार समझौते - व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (TEPA) पर हस्ताक्षर किए थे।

Last Updated- March 17, 2024 | 3:07 PM IST
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चॉकलेट बनाने वाली कंपनी बैरी कैलेबाउट समूह (Barry Callebaut Group) और प्रौद्योगिकी कंपनी बुहलर (Buhler) सहित स्विट्जरलैंड की कई कंपनियां भारत में निवेश करने की इच्छुक हैं। स्विट्जरलैंड की आर्थिक मामलों की मंत्री हेलेन बडलिगर (Helene Budliger) ने यह बात कही।

बडलिगर ने कहा कि एचईएसएस ग्रीन मोबिलिटी (HESS Green Mobility ) का इरादा 2025 तक भारत में लगभग 3,000 इलेक्ट्रिक बसों की मैन्युफैक्चरिंग करने का है। इसके लिए अगले छह से आठ वर्षों में 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि चॉकलेट मैकर बैरी कैलेबाउट ग्रुप 2024 तक भारत में अपनी तीसरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चालू करने के लिए तैयार है। इसके साथ पिछले करीब पांच वर्षों में कंपनी का भारत में निवेश पांच करोड़ डॉलर से अधिक हो जाएगा। इसी तरह प्रौद्योगिकी समूह बुहलर अगले दो से तीन साल में 2.3 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निवेश करेगा।

उन्होंने कहा, ‘हमें भारत में निवेश करने की इच्छुक कई स्विस कंपनियों के बारे में पता है। इनकी सूची बहुत लंबी है, लेकिन उनमें से कुछ के नाम साझा करने की खुशी है… कई छोटी स्विस कंपनियां हैं, जो भारतीय बाजार में आना चाहती हैं।’

भारत और चार देशों के यूरोपीय समूह EFTA ने 10 मार्च को एक व्यापार समझौते – व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (TEPA) पर हस्ताक्षर किए थे। इन देशों में आइसलैंड, लीशटेंस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। इस समझौते में भारत को समूह के सदस्य देशों से 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है।

स्विट्जरलैंड ने कहा है कि TEPA के लिए संसदीय अनुमोदन की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाएगी। भारत और EFTA आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर टीईपीए पर बातचीत कर रहे थे।

First Published - March 17, 2024 | 3:07 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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