दुनिया में व्यापार के मोर्चे पर देशों के बीच तल्खी बढ़ने से हालात बिगड़ सकते हैं। विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको और चीन के बीच व्यापार युद्ध तेज होने से भारतीय बाजारों में विदेशी सामान की भरमार लगने का खतरा बढ़ जाएगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको से आने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं पर भी 10 प्रतिशत शुल्क दाग दिया है। ये शुल्क मंगलवार से प्रभावी हो जाएंगे। ट्रंप के इन कदमों पर भारत की नजरें गड़ी हुई हैं। ट्रंप कहते रहे हैं कि भारत उन देशों में शामिल है जो बहुत अधिक शुल्क लगाते हैं मगर अब तक उन्होंने इसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है। फेडेरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के महानिदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अजय सहाय ने कहा कि चीन से आयातित वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा शुल्क लगाने से वहां उत्पादों की लागत बढ़ जाएगी। सहाय ने कहा, ‘कम शुल्कों के कारण चीन के सामान के मुकाबले भारतीय उत्पादों को अधिक तरजीह मिल सकती है।‘
हालांकि, भविष्य में शुल्कों को लेकर निर्यातकों के मन में डर बना हुआ है। पिछले एक महीने के दौरान वाणिज्य विभाग के अधिकारी अवसरों एवं चुनौतियों का अध्ययन करने में जुटे हुए हैं। ये अधिकारी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर अमेरिका शुल्क लगाता है तो वे सभी देशों पर लागू होंगे या कुछ ही देश इनकी जद में आएंगे। अधिकारी इस बात का भी मूल्यांकन कर रहे हैं कि शुल्क लगने की हालत में विभिन्न क्षेत्रों पर क्या असर होगा और इससे कैसे निपटा जा सकेगा। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की सूरत में भारत इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, दवा, वस्त्र, वाहन और रसायनों का निर्यात अमेरिका को बढ़ा सकता है। काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट में प्राध्यापक विश्वजीत धर ने कहा कि यह देखना बाकी है कि भारत दूसरे देशों पर शुल्क लगने का लाभ उठाने में सफल रहता है या नहीं। उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य में ऐसे किसी अवसर का लाभ लेने के लिए तैयार रहना चाहिए।
धर ने कहा, ‘हमें दुनिया में खासकर व्यापार में बड़ी उथल-पुथल के लिए तैयार रहना चाहिए। ट्रंप ने पहले ही कह दिया है कि वह उन देशों से आने वाली वस्तुओं पर शुल्क लगाएंगे जो अमेरिकी वस्तुओं पर अधिक शुल्क लगाते हैं। भारत को भी ट्रंप की इस धमकी को लेकर सतर्क रहना चाहिए।’