चीन ने घरेलू बाजार में यूरिया की किल्लत की चिंता के बीच कुछ उर्वरक उत्पादकों को यूरिया निर्यात रोकने का निर्देश दिया है जिससे भारत में इसकी आपूर्ति पर सीमित असर पड़ सकता है। व्यापार और उद्योग से जुड़े भागीदारों का कहना है कि इससे वैश्विक बाजार में यूरिया की कीमतें और बढ़ सकती हैं और खरीदारी पहले की तुलना में महंगी हो जाएगी।
चीन के इस निर्णय का भारत पर सीमित प्रभाव पड़ने की एक बड़ी वजह यह है कि वित्त वर्ष 2024 में देश में यूरिया का आयात वित्त वर्ष 2023 की तुलना में कम से कम 20 से 30 लाख टन कम रह सकता है क्योंकि नैनो यूरिया का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही नए प्लांट शुरू होने से घरेलू उत्पादन में भी इजाफा होगा।
वित्त वर्ष 2023 में भारत ने करीब 80 लाख टन यूरिया का आयात किया था। कारोबारियों का कहना है कि इनमें से करीब 15 से 17 फीसदी यूरिया चीन से मंगाया गया था जबकि बाकी की आपूर्ति अन्य देशों से की गई थी। वित्त वर्ष 2023 को अगर बेंचमार्क माना जाए तो वित्त वर्ष 2024 में देश में कुल करीब 50 लाख टन यूरिया का आयात किया जाएगा और इसमें चीन का हिस्सा करीब 8 से 10 लाख टन होना चाहिए। बाजार के सूत्रों ने कहा कि अप्रैल 2023 से अभी तक चीन से 2 से 3 लाख टन यूरिया देश में आ चुका है और बाकी की आपूर्ति की प्रक्रिया चल रही है।
उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ऐसे में चीन के निर्यात निलंबित करने के निर्णय से ज्यादा समस्या नहीं होनी चाहिए।’
व्यापार सूत्रों ने कहा कि ब्राजील और अर्जेंटीना से जबरदस्त मांग और कम आपूर्ति के कारण जुलाई-अगस्त के दौरान भारत में यूरिया की औसत कीमत करीब 30 फीसदी बढ़कर 282 से 368 डॉलर प्रति टन हो गई थी। उन्होंने कहा कि आपूर्ति में किसी भी बाधा से कीमतें बढ़ सकती हैं क्योंकि चीन वैश्विक बाजार का एक प्रमुख प्रतिभागी है।
वैश्विक स्तर पर सालाना करीब 5.5 करोड़ टन यूरिया का व्यापार होता है। इसमें चीन की हिस्सेदारी करीब 7 से 8 फीसदी यानी 40 से 60 लाख टन प्रति वर्ष है। अगर हम इसे कारोबार से बाहर कर देते हैं तो बाजार में किल्लत के कारण कीमतें अवश्य बढ़ सकती हैं।
इक्रा (ICRA) के उपाध्यक्ष अंकित जैन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘अगर चीन यूरिया का निर्यात रोक देता है तो निश्चित तौर पर उसका असर वैश्विक व्यापार पर दिखेगा क्योंकि चीन एक बड़ा निर्यातक है। ऐसे में कीमतें कीमतें बढ़ सकती हैं। हालांकि, नए यूरिया संयंत्रों के चालू होने के कारण इस साल भारत का कुल यूरिया आयात पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कम रहने की उम्मीद है। इस प्रकार, यूरिया के दाम और वैश्विक व्यापार की मात्रा के लिहाज से वैश्विक परिदृश्य इन दो कारकों पर ही निर्भर करेगा।’
ब्लूमबर्ग न्यूज ने आज अज्ञात सूत्रों के हवाले से खबर दी कि घरेलू कीमतों में उछाल के बाद चीन ने कुछ उर्वरक उत्पादकों को यूरिया निर्यात बंद करने के लिए कहा है।
ब्लूमबर्ग ने इस मामले से अवगत लोगों के हवाले से कहा है कि चीन की कुछ उर्वरक कंपनियों ने सरकारी आदेश मिलने के बाद इस महीने की शुरुआत से ही नए निर्यात सौदों पर हस्ताक्षर करने बंद कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध फिलहाल केवल यूरिया पर लगाया गया है।
झेंग्झाउ कमोडिटी एक्सचेंज पर वायदा कारोबार में यूरिया का भाव मध्य जून से जुलाई के अंत तक सात सप्ताह की अवधि में करीब 50 फीसदी बढ़ गया था लेकिन उसके बाद लगातार उतार-चढ़ाव दिख रहा है।