चीन ने मंगलवार को पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को सार्वजनिक रूप से उठाया है और उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान चीनी नागरिकों की सुरक्षा को और मजबूत करेगा। दोनों देशों के बीच सामूहिक रूप से उन आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात भी सामने आई है, जो पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।
इस्लामाबाद में पाकिस्तान-चीन संस्थान (PCI) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “चाइना एट 75: ए जर्नी ऑफ प्रोग्रेस, ट्रांसफॉर्मेशन एंड लीडरशिप” में चीनी राजदूत जियांग जैडोंग ने कहा, “हम इन आतंकवादियों के खिलाफ संयुक्त रूप से कार्रवाई कर सकते हैं।” पाकिस्तानी अखबार ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने जियांग के हवाले से बताया कि चीन चाहता है कि पाकिस्तानी सरकार आतंकवादी हमलों के दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए। जियांग ने स्पष्ट रूप से कहा, “चीन इस बात को बर्दाश्त नहीं करेगा, और हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान में काम कर रहे हमारे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।”
जियांग ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए चीनी नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने पाकिस्तानी नेताओं के साथ कई बैठकों में इस विषय पर जोर दिया है।
चीनी राजदूत के ये सार्वजनिक बयान तब सामने आए हैं जब अक्टूबर के शुरुआत में कराची एयरपोर्ट के पास हुए आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिकों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली थी, जो बलूचिस्तान प्रांत में चीन और पाकिस्तान की गतिविधियों का विरोध करता है। पिछले दो वर्षों में कराची में विदेशी नागरिकों को निशाना बनाते हुए BLA कई आत्मघाती हमले कर चुका है।
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसहाक डार ने आश्वासन दिया है कि चीन के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पाकिस्तान पूरी कोशिश करेगा।
डार ने कहा कि वह पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ नवंबर की शुरुआत में चीन का दौरा करेंगे, जहां दोनों देशों के बीच आतंकवादी हमलों के दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। डार ने माना कि चीन इस मुद्दे पर नाराज है और कहा, “चीनी नाराज हैं और हमें अपनी गलतियों को मानना चाहिए।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान CPEC के दूसरे चरण के विस्तार के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
चीनी हितों की सुरक्षा पर पाकिस्तान का बढ़ता खर्च
पिछले महीने पाकिस्तान ने चीनी हितों की सुरक्षा के लिए अपनी सेना के बजट में 45 बिलियन पाकिस्तानी रुपये (लगभग $162 मिलियन) का अतिरिक्त बजट स्वीकृत किया है। इस बजट का मुख्य उद्देश्य देश में चीनी वाणिज्यिक हितों की रक्षा को मजबूत करना है। यह अतिरिक्त बजट पाकिस्तान के संघीय बजट के बाद दूसरी बड़ी अनुदान राशि है। इससे पहले, आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन “अज़्म-ए-इस्तेहकाम” के लिए 60 बिलियन पाकिस्तानी रुपये (लगभग $216.2 मिलियन) स्वीकृत किए गए थे, जो चीनी नागरिकों पर बढ़ते हमलों के जवाब में शुरू किया गया था।
यह सुरक्षा बजट पाकिस्तानी सेना के नियमित बजट में एक अतिरिक्त राशि है, जो पहले ही 2.127 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये (लगभग $7.67 बिलियन) है। हालिया हमलों के बाद बीजिंग ने इस्लामाबाद से आतंकवाद-रोधी सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की भी मांग की है।
CPEC के पहले चरण में 25.2 बिलियन डॉलर की लागत से 38 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिनमें से 17 परियोजनाएं ऊर्जा क्षेत्र की हैं। लगभग 26.8 बिलियन डॉलर की लागत से 26 अन्य परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं, जिन्हें CPEC के दूसरे चरण में शामिल किया गया है। हालांकि, सुरक्षा चिंताओं के चलते इन परियोजनाओं की प्रगति में रुकावट आई है।
2015 में शुरू हुआ CPEC चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है। लेकिन बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के चलते इस महत्वपूर्ण परियोजना के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।