India-US deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा है कि अमेरिका ने चीन के साथ एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और अब जल्द ही भारत के साथ भी एक ‘बहुत बड़ा’ व्यापार समझौता किया जा सकता है।
ट्रंप गुरुवार को एक कार्यक्रम में बोल रहे थे जहां उन्होंने कहा, “हर कोई हमारे साथ समझौता करना चाहता है। कुछ महीने पहले मीडिया पूछ रहा था कि क्या कोई दिलचस्पी भी दिखा रहा है? तो अब देखिए, हमने कल ही चीन के साथ डील साइन की है। और अब कुछ और अच्छे समझौते भी हो रहे हैं। एक भारत के साथ आ सकता है, और वो बहुत बड़ा होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि चीन के साथ हुए समझौते के तहत वहां का बाजार अमेरिका के लिए खुलने लगा है और भारत के मामले में भी ऐसा ही कुछ होने की संभावना है।
ट्रंप ने एक कार्यक्रम में कहा है कि अमेरिका हर देश के साथ व्यापार समझौता नहीं करेगा। यह बयान ऐसे वक्त आया है जब 90 दिनों की टैरिफ रोक की समयसीमा 9 जुलाई को समाप्त होने जा रही है। ट्रंप प्रशासन पहले ही संकेत दे चुका है कि यह समयसीमा बढ़ाई जा सकती है और इसके लिए कई देशों को व्यापार शर्तों से जुड़ा पत्र भेजा जाएगा।
2 अप्रैल को ट्रंप ने भारत और चीन समेत 100 से ज्यादा देशों पर ‘पारस्परिक टैरिफ’ (Reciprocal Tariffs) लागू कर दिए थे, जिससे वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई थी। हालांकि, इसके कुछ ही दिनों बाद उन्होंने 90 दिन की छूट का ऐलान कर दिया था ताकि देश अमेरिका से समझौता कर सकें और भारी शुल्क से बच सकें।
ट्रंप ने ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में कहा कि अमेरिका हर देश के साथ व्यापार समझौता नहीं करेगा। उन्होंने साफ कहा, “हम हर किसी के साथ डील नहीं करेंगे। कुछ देशों को तो बस एक चिट्ठी भेजेंगे, जिसमें लिखा होगा – बहुत धन्यवाद, अब आपको 25, 35 या 45 प्रतिशत शुल्क देना होगा। यही सबसे आसान तरीका है।”
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ट्रंप ने यह भी बताया कि उनके कुछ सहयोगी इस तरीके से सहमत नहीं हैं और वे ज़्यादा व्यापारिक समझौते करना चाहते हैं, जबकि ट्रंप खुद सीमित समझौतों के पक्ष में हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका ने यूनाइटेड किंगडम के साथ अपना पहला व्यापार समझौता किया था। साथ ही ट्रंप प्रशासन भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ भी व्यापार वार्ताओं में जुटा था।
भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन यह डील अभी पूरी तरह से अंतिम रूप नहीं ले पाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि इस समझौते पर अभी काफी काम बाकी है।
हालांकि इसी महीने अमेरिका के वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक ने संकेत दिया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता ज्यादा दूर नहीं है। वॉशिंगटन में आयोजित यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के लीडरशिप समिट में उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने अब ऐसा रास्ता तलाश लिया है जो उनके हितों के अनुकूल है।
हावर्ड लटनिक के इस बयान के कुछ दिन बाद भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा कि भारत और अमेरिका एक संतुलित और न्यायसंगत व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को फायदा होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा कि अमेरिका और चीन के बीच अच्छे व्यापारिक करार हो रहे हैं। हालांकि उन्होंने इन समझौतों की पूरी जानकारी नहीं दी, लेकिन यह जरूर कहा कि, “हमारे कुछ शानदार सौदे हो रहे हैं। एक बड़ा सौदा भारत के साथ भी हो सकता है। बहुत बड़ा सौदा। जिसमें हम भारत के बाजार को खोलने जा रहे हैं, जैसे चीन के साथ हो रहा है। ऐसी चीजें हो रही हैं जो पहले संभव नहीं थीं। अमेरिका के हर देश के साथ रिश्ते मजबूत हो रहे हैं।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर काफी तनाव देखने को मिला। ट्रंप प्रशासन ने दुनियाभर के देशों को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते करने के लिए 90 दिन की समयसीमा दी थी, लेकिन इसमें चीन को शामिल नहीं किया गया था। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर जवाबी शुल्क (reciprocal tariffs) लगा दिए थे।
इसके बाद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच जिनेवा में कई दौर की बातचीत हुई, जिसके बाद दोनों पक्षों ने शुल्क दरों को कम करने पर आपसी सहमति बनाई। जून महीने में CNN ने रिपोर्ट किया था कि अमेरिका और चीन एक नए व्यापार समझौते पर पहुंचे हैं, जिसकी बुनियाद पिछले महीने जिनेवा में हुई बातचीत में रखी गई थी।