Yogi Cabinet Decisions: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राजधानी लखनऊ में 5,801 करोड़ रुपये की लागत वाले मेट्रों के दूसरे चरण की परियोजना को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। प्रदेश का उर्जांचल कहे जाने वाले सोनभद्र के अनपरा में 8,624 करोड़ रुपये के खर्च से 800 मेगावाट के दो ताप विद्युत संयंत्र लगाए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने किसानों के निजी नलकूपों पर बिजली बिल 100 फीसदी माफ करने की योजना को भी मंजूरी दे दी है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए किसानों के निजी नलकूपों पर बिजली बिल में 100 फीसदी तक की छूट दे दी है। इस फैसले से प्रदेश के 1.5 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। फैसले की जानकारी देते हुए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि अब किसानों को एक अप्रैल 2023 से निजी नलकूप पर कोई भी बिल देने की आवश्यकता नहीं होगी।
यही नहीं, यदि इसके पहले का भी यदि कोई बिल बकाया है तो सरकार उसके लिए ब्याज रहित और आसान किस्तों में बिल चुकाने के लिए योजना लाएगी। इसके लिए योगी सरकार ने 2024-25 के बजट में भी 1800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 14.73 लाख ग्रामीण नलकूप हैं, जबकि 5,188 शहरी नलकूप हैं। इस तरह दोनों ही प्रकार के कुल 14.78 लाख नलकूपों पर किसानों को बिजली बिल पर छूट का लाभ मिलेगा।
योगी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए अनपरा में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) की मदद से 800 मेगावाट की दो इकाइयां लगाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 2023 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में NTPC के साथ दो बड़े MoU किए गए थे। इसमें ओबरा डी में 800 मेगावाट की दो इकाइयां लगाने के प्रस्ताव को पिछले वर्ष ही मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है और अब अनपरा में भी 800 मेगावाट के दो प्लांट NTPC की मदद से लगाए जाएंगे।
राज्य सरकार और NTPC के बीच 50-50 फीसदी की सहभागिता के साथ इस परियोजना की कुल कीमत 8,624 करोड़ रुपए है और इसकी पहली यूनिट लगभग 50 महीनों में तैयार हो जाएगी, जबकि दूसरी यूनिट 56 महीने में क्रियान्वित हो जाएगी। इसमें 30 फीसदी इक्विटी होगी जो राज्य सरकार और NTPC आपस में वहन करेंगे, जबकि 70 फीसदी ऋण लेकर इसको क्रियान्वित किया जाएगा।
एक अन्य फैसले में प्रदेश सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन नीति को मंजूरी दी है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में बड़े कारखाने जैसे फर्टिलाइजर प्लांट, पेट्रोकेमिकल प्लांट और स्टील प्लांट में होता है। नीति में आने वाले 4 साल यानी 2028 तक प्रतिवर्ष एक मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि नीति की समयावधि 5 वर्ष रखी गई है।
समयावधि में जो उद्योग यहां आएंगे उन्हें 5,045 करोड़ रुपए सब्सिडी व अन्य राहतों के रूप में दिए जाएंगे। ऐसे उद्योगों को 10 से 30 फीसदी तक पूंजीगत व्यय पर सब्सिडी देंगे। पहले 5 उद्योगों को 40 फीसदी तक छूट दी जाएगी। इसके तहत एनर्जी बैंकिंग का भी प्रावधान किया जा रहा है। अंतर्राज्यीय बिजली भेजने पर जो शुल्क लगता है उस पर 100 फीसदी की छूट होगी। अन्य राज्यों में भेजने या मंगाने पर भी 100 फीसदी तक बिलिंग और ट्रांसमिशन चार्जेस में छूट मिलेगी। साथ ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में भी 100 फीसदी छूट का प्रावधान किया गया है।
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों के गठन अध्यादेश से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। इसके बाद अब राज्य राजधानी क्षेत्र का गठन होगा इसका उद्देश्य ये है कि दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर यहां नियोजित विकास किया जा सके। इस अध्यादेश के तहत सभी प्राधिकरणों के सहयोग व सामंजस्य से विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। किसी प्राधिकरण का विलय नहीं होगा, सभी का अस्तित्व बरकरार रहेगा।
मंत्रिपरिषद ने मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब परियोजना के लिए ग्रेटर नोएडा डिपो स्टेशन से बोड़ाकी मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब साइट तक एनएमआरसी की मौजूदा एक्वा लाइन का 2.6 किमी लगभग का विस्तार किये जाने के संबंधी 416.34 करोड़ की परियोजना को मंजूरी दे दी है। एक अन्य फैसले में अंतराष्ट्रीय फ़िल्म सिटी फेज़ वन निर्माण के लिए ई टेंडर माध्यम से हायर बिडर का चयन किया गया है। पहले चरण की अनुमानित लागत 1,510 करोड़ रुपये है।
मंत्रिपरिषद ने महत्वपूर्ण फैसले के तहत उत्तरप्रदेश मेट्रो रेल कॉपोरेशन के लखनऊ मेट्रो फेज़ 1 में ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर चारबाग से वसंत कुंज तक 11.165 किमी के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस चरण के निर्माण की कुल लागत 5,801 करोड़ रुपये है और इसे 30 जून 2027 तक पूरा किया जाएगा। इस चरण में कुल 12 स्टेशन प्रस्तावित जिनमें 5 स्टेशन एलिवेटेड व 7 स्टेशन भूमिगत होंगे।