मध्य प्रदेश सरकार ने कुख्यात व्यापमं मामले के व्हिसल ब्लोअर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. आनंद राय को शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इससे पहले इंदौर के हुकुमचंद चिकित्सालय में बतौर नेत्र चिकित्सक पदस्थ रहे राय को रीवा स्थानांतरित किया गया था और रीवा में पदभार न संभालने के कारण वह निलंबित कर दिए गए थे।
राय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘मध्य प्रदेश सरकार ने और शिवराज सिंह चौहान ने मुझे करीब एक साल पहले निलंबित किया था और मेरे खिलाफ दो विभागीय जांच चल रही थीं। अभी मुझे पता चला है कि मेरी सेवा समाप्त कर दी गई है।’
डॉ. राय ने कहा, ‘मैं यही अपेक्षा कर रहा था क्योंकि एक व्हिसल ब्लोअर और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता के रूप में मैं सरकार की आंख की किरकिरी बना हुआ था। हाल ही में मैंने पेसा समन्वयक घोटाले को प्रमुखता से उठाया। मुझे बेवजह झूठे मुकदमों में फसाकर 60 दिन जेल में छह गुना छह के छोटे से गुनहखाने में रखा गया। मैं शिवराज सिंह चौहान का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे शासकीय सेवा से मुक्त कर दिया। अब मैं खुलकर अपना राजनीतिक जीवन शुरू कर सकता हूं।’
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राय 29 मार्च 2022 को हुकुमचंद चिकित्सालय में हुए निरीक्षण में अनुपस्थित थे जबकि रजिस्टर में उनकी हाजिरी लगी हुई थी। राय पर यह आरोप भी लगाया गया है कि वह सोशल मीडिया पर विभाग के बारे में मनगढ़ंत पोस्ट लिखते रहे हैं तथा उन पर कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
आदेश में कहा गया है कि अप्रैल 2022 में इंदौर के अस्पताल से निलंबित करने के बाद राय का मुख्यालय क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा नियत किया गया था, लेकिन वरिष्ठ कार्यालय के आदेश के बाद भी राय रीवा कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए।
राय ने हाल ही में पेसा के जिला और ब्लॉक समन्वयक पदों पर हुई भर्ती में घोटाले का आरोप लगाया था जिसके बाद पक्ष और विपक्ष के बीच इसे लेकर राजनीति तेज हो गई।