facebookmetapixel
भारत में जल्द बनेंगी सुपर एडवांस चिप्स! सरकार तैयार, Tata भी आगे₹100 से नीचे ट्रेड कर रहा ये दिग्गज स्टॉक दौड़ने को तैयार? Motilal Oswal ने दी BUY रेटिंग; चेक करें अगला टारगेटअमेरिका टैरिफ से FY26 में भारत की GDP 0.5% तक घटने की संभावना, CEA नागेश्वरन ने जताई चिंताPaytm, PhonePe से UPI करने वाले दें ध्यान! 15 सितंबर से डिजिटल पेमेंट लिमिट में होने जा रहा बड़ा बदलावVedanta Share पर ब्रोकरेज बुलिश, शेयर में 35% उछाल का अनुमान; BUY रेटिंग को रखा बरकरारGST कटौती के बाद खरीदना चाहते हैं अपनी पहली कार? ₹30,000 से ₹7.8 लाख तक सस्ती हुई गाड़ियां; चेक करें लिस्टविदेशी निवेशकों की पकड़ के बावजूद इस शेयर में बना ‘सेल सिग्नल’, जानें कितना टूट सकता है दाम35% करेक्ट हो चुका है ये FMCG Stock, मोतीलाल ओसवाल ने अपग्रेड की रेटिंग; कहा – BUY करें, GST रेट कट से मिलेगा फायदा2025 में भारत की तेल मांग चीन को पीछे छोड़ने वाली है, जानिए क्या होगा असररॉकेट बन गया सोलर फर्म का शेयर, आर्डर मिलते ही 11% दौड़ा; हाल ही में लिस्ट हुई थी कंपनी

Veg and Non-Veg Thali Cost: अप्रैल में 8 प्रतिशत बढ़े वेज थाली के दाम, नॉनवेज थाली इतनी सस्ती हुई

Veg and Non-Veg Thali Cost: महंगे प्याज, टमाटर और आलू के कारण वेज थाली के दाम में इजाफा देखा गया है।

Last Updated- May 08, 2024 | 10:30 PM IST
शाकाहारी थाली हुई 10 प्रतिशत महंगी, प्याज-टमाटर ने बढ़ाई कीमतें, Vegetarian thali became costlier by 10 percent, onion-tomato increased prices

Veg and Non-Veg Thali Cost: अप्रैल महीने में वेज थाली के दाम 8 प्रतिशत बढ़कर 27.4 रुपये पर पहुंच गया। पिछले साल इसी महीने में वेज थाली की कीमत 25.4 रुपये थी। महंगे प्याज, टमाटर और आलू के कारण वेज थाली के दाम में इजाफा देखा गया है। बुधवार को जारी क्रिसिल की रोटी-राइज रेट (Roti Rice Rate) रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

ब्रॉयलर सस्ता होने के कारण नॉन वेज थाली के दाम घटे

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की ‘रोटी-राइज रेट’ रिपोर्ट के अनुसार, ब्रॉयलर सस्ता होने के कारण इसी अवधि में नॉन वेज थाली की कीमत 58.9 रुपये से 4 प्रतिशत गिरकर 56.3 रुपये पर आ गई।

एक वेज थाली में आमतौर पर रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होता है।  नॉन-वेज थाली के घटक वेज थाली के समान ही होते हैं, बस दाल की जगह पर चिकन को रखा गया है। क्रिसिल उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना करता है।

चावल और दालों की कीमतें सालाना आधार पर दोहरे अंक में बढ़ी

क्रिसिल ने कहा, “रबी के रकबे में उल्लेखनीय गिरावट और पश्चिम बंगाल में आलू की फसल को नुकसान होने के कारण प्याज की कम आवक के कारण कीमत में वृद्धि हुई।”

चावल और दालों की कीमतों में भी सालाना आधार (Y-o-Y) पर क्रमश: 14 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जीरा, मिर्च और वनस्पति तेल की कीमतों में क्रमश: 40 प्रतिशत, 31 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे वेज थाली की लागत में और वृद्धि नहीं हुई।

ब्रॉयलर और चिकन की कीमत में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की कमी के कारण नॉन वेज थाली के दाम घट गए। बता दें कि एक नॉन वेज थाली की कुल लागत में ब्रॉयलर की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होती है।

Also read: एक साथ ‘सिक लीव’ पर चले गए Air India Express के क्रू मेंबर्स, कैंसिल हुई कई फ्लाइट

टमाटर और आलू की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी

पिछले महीने यानी कि मार्च की तुलना में, प्याज की कीमतों में 4 प्रतिशत की गिरावट और ईंधन की लागत में 3 प्रतिशत की गिरावट के कारण अप्रैल में वेज थाली की कीमत स्थिर रही। टमाटर और आलू की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है।

ब्रॉयलर की अधिक मांग और बढ़ती इनपुट लागत के कारण मार्च की तुलना में अप्रैल में नॉन वेज थाली की लागत 3 प्रतिशत बढ़ गई।

आने वाले समय में सब्जियों की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के शोध निदेशक पुशन शर्मा के अनुसार, निकट भविष्य में सब्जियों की कीमतें “ऊंची रहने” की आशंका है।

उन्होंने कहा, “नवंबर 2023 से, वेज और नॉन वेज थालियों की कीमतें अलग-अलग हो रही हैं। वेज थाली साल-दर-साल महंगी हो गई है, जबकि नॉन वेज थाली सस्ती है। इसका मुख्य कारण ब्रॉयलर की कीमतों में गिरावट है, जबकि प्याज, आलू और टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतें कम आधार पर बढ़ी हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हमें उम्मीद है कि सब्जियों की कीमतें स्थिर रहेंगी, हालांकि गेहूं और दालों की कीमतों में अनुमानित गिरावट से कुछ राहत मिलेगी।”

First Published - May 8, 2024 | 2:52 PM IST

संबंधित पोस्ट