उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू के चलते बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंची है। मगर प्रदेश में जितनी मांग बढ़ रही है उतनी ही आपूर्ति का भी रिकॉर्ड बन रहा है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल के मुताबिक बुधवार को प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक विद्युत मांग 29820 मेगावाट तक पहुंच गयी। वहीं इस दिन बिजली की खपत भी लगभग 643 मिलियन यूनिट तक पहुंची। इससे पहले बीते महीने 31 मई को 29727 मेगावाट बिजली की मांग पहुंच गयी थी जिसे पावर कारपोरेशन ने पूरा करके एक नया रिकॉर्ड बनाया था। पिछले साल 24 जुलाई को अधिकतम मांग 28284 मेगावाट तक गयी थी जो रिकॉर्ड था। लेकिन इस बार 22 मई को ही यह रिकॉर्ड टूट गया था जब 28336 मेगावाट तक मांग पहुंच गयी थी।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि विगत दिनों उत्तर प्रदेश ने 29500 मेगावाट की सर्वाधिक बिजली मांग को पूरा करते हुए देश में कीर्तिमान स्थापित किया था। वहीं ग्रिड इंडिया पॉवर सप्लाई रिपोर्ट के मुताबिक 10 जून 2024 को एक बार फिर से उत्तर प्रदेश ने देश में सर्वाधिक 28889 मेगावाट विद्युत आपूर्ति कर महाराष्ट्र-गुजरात जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश ने इसी साल 28 मई को देश में सर्वाधिक 29282 मेगावाट की पीक डिमांड को पूरा किया था।
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ गोयल ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि लगातार पड़ रही भयंकर गर्मी एवं विद्युत की मांग में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रही विद्युत मांग के अनुरूप बिजली की व्यवस्था की जा रही है। पावर कारपोरेशन ने पूर्वानुमान के अनुरूप विद्युत उपलब्धता की प्रर्याप्त व्यवस्था कर रखी है और मांग बढ़ने पर अतिरिक्त अरेन्जमेन्ट भी समय रहते किया जाता है। अध्यक्ष ने बताया है कि सिस्टम की कैपेसिटी के कारण कहीं भी रोस्टिंग नही हो रही है।
पावर कारपोरेशन अध्यक्ष ने बिजली व्यवस्था को बेहतर करने के लिये चोरी के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी वितरण निगमों के प्रबन्ध निदेशकों एवं मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया है कि ऐसे फीडर जहां लाइन हानियॉ सबसे ज्यादा हैं वहां अभियान चलाकर विद्युत चोरी रोकी जाये। इसमें विजिलेंस की भी मदद ली जाये। किसी को नाजायज परेशान न किया जाये लेकिन बिजली चोरों को पकड़ा जाये। उन्होंने कहाकि बेहतर विद्युत आपूर्ति और व्यवस्था के लिये यह जरूरी है कि विद्युत चोरी पर प्रभावी रोक लगे। ऐसे फीडर चिन्ह्ति किये जायें जहॉ सर्वाधिक विद्युत चोरी की संभावना है। सबसे पहले वहीं अभियान चलाया जाये।