Truck drivers’ strike: ट्रक चालकों की हड़ताल में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी ट्रांसपोर्टर भी शामिल हैं। जिसके कारण राज्य में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई प्रभावित हुई है। महाराष्ट्र सरकार ने ट्रक चालकों की हड़ताल के मद्देनजर पुलिस से बाजार में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।
ट्रक चालकों की हड़ताल से लोगों ने सोमवार रात से पेट्रोल पंप पर कतारें लगानी शुरू कर दी। दूसरी तरफ आपूर्ति सुचारु रूप से न हो पाने के कारण पेट्रोल पंप मालिकों के सामने संकट खड़ा हो गया है। पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन मुंबई के अध्यक्ष चेतन मोदी ने कहा कि सोमवार से ट्रक चालकों के आंदोलन के कारण पेट्रोल पंप पर ईंधन की सप्लाई प्रभावित है।
पेट्रोल पंप पर कल से ईंधन की कमी होनी शुरू हो गई है। अगर हमें ईंधन की आपूर्ति नहीं हुई तो ज्यादातर पंप में आज से पेट्रोल खत्म हो जाएगा। यह हाल पूरे महाराष्ट्र का है। नागपुर के जिलाधीश डॉ. विपिन इटनकर ने मंगलवार को लोगों से हड़बड़ाहट में ईंधन न खरीदने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोगों को अफवाहों के झांसे में नहीं आना चाहिए और अनावश्यक रूप से पेट्रोल पंप पर भीड़ नहीं लगानी चाहिए।
ईंधन की समस्या के साथ दूसरी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। मुंबई और उपनगरों के कई इलाकों में आज दूध और सब्जी की सप्लाई भी प्रभावित हुई। दूध विक्रेताओं का कहना है कि मंगलवार को मुंबई में 40 फीसदी दूध आ पाया है। दूसरी तरफ सब्जियों की सप्लाई बाधित होने से सब्जी विक्रेताओं ने 30 फीसदी तक दाम बढ़ा दिए है। जिससे लोगों को परेशानी होना शुरू हो गई।
राज्य में खड़े हो रहे ईंधन संकट को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर हड़ताल और पेट्रोल, डीजल तथा एलपीजी सिलेंडर की आपूर्ति पर इसके असर को लेकर चिंता जताई है।
हड़ताल के असर पर विचार करते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने पुलिस से इन उत्पादों की सुचारू और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है।
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विभाग ने ट्रक चालकों से भी अप्रिय घटनाओं में शामिल न होने और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति न बिगाड़ने की अपील की है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इस संबंध में निर्देश दिये कि आवश्यक वस्तुओं के सुचारू परिवहन और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत आवश्यक कार्रवाई की जाए।
ट्रक चालक हिट-एंड-रन दुर्घटना मामलों के संबंध में नए दंड कानून के प्रावधान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।