दिल्ली सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सख्ती करने जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकारी ऑफिस के समय में बदलाव किया जा सकता है। साथ ही दिल्ली सरकार पड़ोसी राज्यों से आने वाली डीजल बसों को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है।
इस बीच, दिल्ली सरकार ने ” रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ अभियान का स्टीकर लॉन्च किया है। सरकार ये कदम वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए उठा रही है। दिल्ली में आज बीते 24 घंटे में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 306 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आज दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई। जिसमें दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
इस बैठक के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि बैठक में एक ही समय में सड़कों पर वाहनों की संख्या को कम करने के लिए दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार दोनों ऑफिस समय को बदलने पर चर्चा हुई। इसी तरह दिल्ली में सभी दिशाओं से आने वाली डीजल बसों पर भी प्रतिबंध रहेगा। हमने सरकारी डीजल बसों के संबंध में पड़ोसी राज्यों के परिवहन मंत्रियों को पत्र लिखा है।
हालांकि दिल्ली में कई निजी डीजल बसें भी प्रवेश करती हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए परिवहन विभाग के साथ एक विशेष अभियान चलाने पर चर्चा की गई है। इसके अलावा, बीएस-3 और बीएस-4 मानकों वाले निजी वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की बात कही गई है।
राय ने कहा कि दिल्ली में ग्रेप-2 लागू हो गया है। लेकिन इसके क्रियान्वयन के लिए कार्यबल की कमी है। इसलिए बैठक में विभिन्न स्थानों पर धूल नियंत्रण और वाहनों के प्रबंधन के लिए सिविल डिफेंस वालंटियर को तैनात करने का निर्णय लिया गया है। दिल्ली में कुछ रूटों को डायवर्ट करने पर भी चर्चा हुई। जिसके लिए ट्रैफिक पुलिस पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय करेगी।
कृत्रिम बारिश की संभावना के बारे में गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने एलजी से अनुरोध किया है कि पायलट आधार पर दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने के लिए केंद्र सरकार से चर्चा की जाए और एलजी ने इस बारे में केंद्र सरकार से बात करने का आश्वासन दिया है।