UP Budget Session: महाकुंभ की भगदड़, संभल में हुए फसाद और अमेरिका द्वारा भारतीयों के अपमान को लेकर विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ। बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से हुई। वेल में विपक्ष की नारेबाजी, हंगामे और शोरगुल के बीच राज्यपाल अपना पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ सकीं और सदन को 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले आज सत्र की शुरुआत में समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान अमेरिका द्वारा भारतीय के अपमान के विरोध में खुद को हथकड़ी और बेड़ियों से जकड़ कर सदन पहुंचे। वहीं सपा के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा कुंभ भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं की याद दिलाने के लिए साइकिल पर अस्थि कलश लेकर पहुंचे।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल के वर्ष 2025 के बजट प्रथम सत्र के लिए बुलाए गए दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से प्रयागराज में कराए जा रहे दिव्य-भव्य महाकुंभ का विशेष उल्लेख किया और इसे एक भारत, श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को साकार होना बताया।
राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार को इस वर्ष दिव्य एवं भव्य महाकुंभ आयोजन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। महाकुंभ-2025 में स्वच्छता, सुरक्षा तथा सुव्यवस्था के नए मानक गढ़े गए हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन जहां एक ओर अनेकता में एकता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर समता व समरसता का संदेश भी दे रहा है। अब तक लगभग 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुजन पावन त्रिवेणी में आस्था की पवित्र डुबकी लगा चुके हैं।
राज्यपाल ने मौनी अमावस्या पर घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि इससे हम सभी अत्यन्त दुःखी हैं। इसमें कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसमें से कुछ श्रद्धालुओं की दुखद मृत्यु भी हो गई। मृतकों के प्रति उन्होंने विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की तथा शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि महाकुंभ प्रयागराज 2025 के दौरान त्रिवेणी तट पर 22 जनवरी, 2025 को मंत्रिपरिषद की ऐतिहासिक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
सदन की शुरुआत से पहले मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि हार की हताशा से परेशान विपक्ष अपनी खुन्नस को सदन पर नहीं उतारेगा, बल्कि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में सकारात्मक योगदान करेगा। उन्होंने कहा कि अभिभाषण व बजट महत्वपूर्ण मुद्दे होते हैं, जिसमें विपक्ष ही नहीं, बल्कि सदन का हर सदस्य अपनी बात को प्रभावी ढंग से रख सकता है। इसके अलावा भी विपक्ष जिस मुद्दे पर चर्चा करना चाहेगा, सरकार उसका तथ्यात्मक जवाब देने के लिए पूरी तौर पर तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन सार्थक चर्चा का मंच बनना चाहिए। आरोप-प्रत्यारोप या फिर असंसदीय आचरण से समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।
दोपहर 12.30 जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो विपक्ष की ओर से विधानसभा में अपनी बात रखने और कार्यवाही को अंग्रेजी में अनुवाद करने का विरोध किया गया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में विभिन्न बोलियों- ब्रज, भोजपुरी, अवधी, बुंदेलखंडी को सम्मान मिल रहा है, और अलग-अलग एकेडमी का गठन भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि समाजवादियों का यही दोहरा चरित्र है, अपने बच्चों को इंग्लिश पब्लिक स्कूल में भेजेंगे, दूसरे के बच्चों को गांव के विद्यालय में पढ़ने को कहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग अपने बच्चों को अंग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाएंगे, और दूसरे को कहेंगे उर्दू पढ़ाओ। यह कठमुल्ला, मौलवी बनाना चाहते हैं जो नहीं चलेगा। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अंग्रेजी सहित जितनी भी भाषाओं का ज्ञान हो वह अच्छा है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में अंग्रेजी में काम होता है।