आंध्र प्रदेश सरकार विशाखापत्तनम के पास डेटा सिटी बनाने की तैयारी कर रही है। इसमें डेटा सेंटर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब शामिल होंगे। यह प्रोजेक्ट तेलुगू देशम पार्टी के चुनावी वादे का हिस्सा है, जिसमें पांच साल में 2 मिलियन नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है। मधुरवाड़ा (विशाखापत्तनम के पास) में बनने वाली यह डेटा सिटी 500 एकड़ में फैलेगी। इसमें बड़ी IT कंपनियां अपनी तकनीकी सेवाएं देंगी। सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया है।
इसके तहत, गूगल को 80 एकड़ जमीन दी जाएगी, जहां कंपनी अपना डेटा सेंटर बनाएगी। गूगल और आंध्र प्रदेश सरकार के बीच इसको लेकर एक समझौता (MoU) हो चुका है। वहीं, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को 30 एकड़ जमीन मिलेगी।
हाइटेक सिटी की तर्ज पर बनेगी डेटा सिटी
यह आइडिया आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश का है। नारा लोकेश मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के बेटे हैं, जो पहले हाइटेक सिटी, हैदराबाद की सफलता के पीछे भी मुख्य भूमिका निभा चुके हैं। विश्व आर्थिक मंच (WEF) के दौरान, लोकेश ने सिंगापुर की तेमासेक होल्डिंग्स और कॉग्निजेंट के CEO से बातचीत की। दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के दौरान, लोकेश ने तेमासेक होल्डिंग्स और कॉग्निजेंट जैसी बड़ी कंपनियों से इस प्रोजेक्ट को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा, “हम विशाखापत्तनम को भारत का अगला बड़ा टेक हब बनाने जा रहे हैं। IT, डेटा सेंटर्स और AI कंपनियों में जबरदस्त रुचि है।”
सरकार की योजना है कि एक बड़ी कंपनी पहले यहां आए, जिससे दूसरी कंपनियां भी निवेश करने में दिलचस्पी लें। जैसे हैदराबाद में माइक्रोसॉफ्ट ने शुरुआत की थी, वैसे ही विशाखापत्तनम में गूगल यह भूमिका निभा सकता है।
पर्यटन और विकास पर फोकस
मुख्य कंपनियों के जुड़ने के बाद सरकार क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना पर भी विचार कर रही है। इसके जरिए राज्य में निवेश को बढ़ाने और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की कोशिश की जाएगी।
तेलंगाना से अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश ने विकास को विकेंद्रित करने का रास्ता अपनाया है। हाल ही में राज्य ने ‘डेमोग्राफिक मैनेजमेंट’ पर नई नीति लाने का ऐलान किया है। इसमें हेल्थकेयर, सोशल सिक्योरिटी और सामुदायिक कल्याण पर जोर दिया जाएगा।
राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर ने गणतंत्र दिवस पर अपने भाषण में राज्य में जनसांख्यिकी बदलाव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य में कुल प्रजनन दर (TFR) में गिरावट, वृद्ध आबादी में बढ़ोतरी और पारंपरिक परिवार संरचना के टूटने जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। सरकार हेल्थकेयर, सोशल सिक्योरिटी और सामुदायिक कल्याण योजनाओं पर निवेश करेगी।
डिजिटल हब बनने की होड़
आंध्र प्रदेश डेटा सेंटर्स के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए तेलंगाना और महाराष्ट्र के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। इन राज्यों की तरह आंध्र भी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है।