तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले की जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक अहम फैसला सुनाया है, जिसमें फूड डिलीवरी कंपनी Swiggy पर 35,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। Swiggy पर आरोप है कि उसने ग्राहकों से ज्यादा शुल्क वसूलने के लिए डिलीवरी दूरी को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, यह मामला हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर आधारित है, जिन्होंने Swiggy पर अनुचित व्यापारिक व्यवहार का आरोप लगाया था।
शिकायत का विवरण और Swiggy की रणनीति पर सवाल
Swiggy One के मेंबर एम्माडी सुरेश बाबू ने शिकायत में बताया कि उनकी सदस्यता के तहत एक निश्चित दूरी के भीतर फ्री डिलीवरी की सुविधा मिलती है। इसके बावजूद 1 नवंबर 2023 को किए गए एक ऑर्डर पर उनसे डिलीवरी शुल्क वसूला गया।
बाबू का कहना है कि Swiggy ने उनके घर और रेस्तरां के बीच की असल दूरी 9.7 किलोमीटर होने के बावजूद उसे बढ़ाकर 14 किलोमीटर दिखाया, जिससे 103 रुपये का अतिरिक्त चार्ज लिया गया। बाबू ने इस आरोप को साबित करने के लिए Google Maps के स्क्रीनशॉट सहित अन्य सबूत प्रस्तुत किए, जो असल दूरी को दर्शाते थे।
रिपोर्ट के अनुसार, Swiggy का कोई भी सदस्य सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद नहीं था, जिसके कारण अदालत ने एकतरफा निर्णय लिया। सबूतों की समीक्षा करने पर अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि Swiggy ने सच में डिलीवरी दूरी को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया था।
अदालत का फैसला
उपभोक्ता अदालत ने Swiggy को आदेश दिया है कि वह बाबू को उनके ऑर्डर का 350.48 रुपये रिफंड करे, जिस पर फाइलिंग की तारीख से 9 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा। इसके अलावा, Swiggy को 103 रुपये का डिलीवरी शुल्क लौटाने के साथ-साथ बाबू के केस खर्च के लिए 5,000 रुपये और असुविधा व मानसिक कष्ट के लिए भी 5,000 रुपये का मुआवजा देना होगा।
इसके साथ ही, भविष्य में इस तरह के मामलों को रोकने के लिए Swiggy को 25,000 रुपये की दंडात्मक राशि रंगा रेड्डी जिला आयोग के उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने का आदेश दिया गया है। अदालत ने Swiggy को Swiggy One मेंबर्स के लिए डिलीवरी दूरी बढ़ाकर दिखाने की अपनी प्रथा को तुरंत बंद करने का भी निर्देश दिया है।
भारत के सबसे बड़े फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म में से एक Swiggy के पास इस फैसले का पालन करने के लिए 45 दिनों का समय है।