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Student Housing: कैसे स्टूडेंट हाउसिंग मार्केट एक बड़ी संभावनाएं लेकर सामने आया है?

नीति आयोग के अनुसार भारत का लक्ष्य वर्ष 2047 आते-आते हर साल कम से कम 5 लाख विदेशी छात्रों का दाखिला भारतीय शिक्षण संस्थानों में सुनिश्चित करना है।

Last Updated- February 17, 2025 | 12:30 AM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels

भारत में शिक्षण संस्थानों की बढ़ती मांग के साथ छात्रों के आवास (Student Housing)  बाजार का दायरा तेजी से उभरने वाला है, क्योंकि इन संस्थानों में पढ़ने आने वाले लाखों बाहरी छात्रों को रहने के लिए छात्रावास और किराए के घरों की आवश्यकता होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे छात्रों की संख्या बढ़ेगी, आवास की मांग में वृद्धि होती जाएगी। 

रिएल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म एनाराक ग्रुप के उपाध्यक्ष संतोष कुमार कहते हैं, ‘विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 के 6.6 प्रतिशत सकल वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2030 तक भारतीय छात्रों का आवास बाजार अनुमानित लगभग 78.05 करोड़ डॉलर पहुंच जाएगा।’ प्रॉपर्टी टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म क्रिब के सह-संस्थापक और सीईओ सनी गर्ग कहते हैं, ‘मुझे उम्मीद है कि ज्यादा नहीं, अगले एक दशक के दौरान ही छात्र आवास बाजार वार्षिक स्तर पर 20 से 30 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। ‘

शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्ष 2022-23 के दौरान छात्रों का पंजीकरण 4.33 करोड़ था जो वर्ष 2014-15  के 3.42 करोड़ से 26.5 प्रतिशत अधिक है। 

नीति आयोग के अनुसार भारत का लक्ष्य वर्ष 2047 आते-आते हर साल कम से कम 5 लाख विदेशी छात्रों का दाखिला भारतीय शिक्षण संस्थानों में सुनिश्चित करना है। संतोष कुमार के अनुसार पढ़ाई के लिए 75 प्रतिशत से अधिक छात्र अपने गृह नगर से बाहर रहते हैं। 

रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म सीबीआरई  में इंडिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया, मध्य-पूर्व और अफ्रीका के अध्यक्ष और सीईओ अंशुमान मैगज़ीन ने कहा, ‘मौजूदा समय में कैंपस की हॉस्टल सुविधाओं में 20 प्रतिशत से अधिक छात्रों को नहीं रखा जा सकता। नतीजतन, बड़ी संख्या में छात्रों को कैंपस के बाहर रिहायश तलाशनी पड़ती है।’

छात्रों को आवास सुविधा मुहैया कराने वाली फर्म ईजस्टेज के सीईओ और सह-संस्थापक वैभव खन्ना छात्रावास और रिहायश की कमी पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा, ‘शिक्षण संस्थान अतिरिक्त शैक्षिक बुनियादी ढांचा विस्तार के मुकाबले छात्रों के आवास में निवेश से अधिक फायदा होता नहीं देखते। यही वजह है कि वे बढ़ती मांग के अनुरूप छात्रावास ढांचे में वृद्धि नहीं करते।’ 

First Published - February 17, 2025 | 12:30 AM IST

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