प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वैश्विक स्तर की बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से यह गुजारिश की कि वे भारत में अपने संयंत्र लगाने पर विचार करें ताकि देश में सेमीकंडक्टर बनाने का एक संपूर्ण माहौल तैयार किया जा सके। एएसएमएल, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, अप्लाइड मटेरियल्स, एएमडी, लैम रिसर्च, एलऐंडटी सेमीकंडक्टर्स और इन्फिनियॉन जैसी कई बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई।
इस बैठक में वैश्विक स्तर की और भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़ी संस्थाओं के साथ-साथ नीतिगत सेवाएं देने वाले निकाय जैसे कि इंडिया सेमीकंडक्टर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन भी शामिल थे। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कंपनियों से पूछा कि ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ (आईएसएम) के पहले चरण में उनके लिए क्या फायदेमंद रहा और उनका अनुभव कैसा रहा।
इस बैठक में शामिल एक व्यक्ति ने बताया, ‘बैठक में करीब 20-25 लोग थे, जिनमें कंपनियों के सीईओ, दूसरे अधिकारी और मंत्रालय के लोग शामिल थे। सभी को अपनी बात रखने, अपने उद्योग की जरूरतें बताने और यह सुझाव देने के लिए 2-3 मिनट का समय दिया गया कि भारत इस काम में कैसे मदद कर सकता है।’बैठक में शामिल एक अन्य व्यक्ति के अनुसार,‘इंडिया सेमीकॉन 2025’ कार्यक्रम के दूसरे दिन हुई यह बैठक एक घंटे से भी ज्यादा चली।
इसमें प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ के दूसरे चरण की रूपरेखा और डिजाइन पर भी सुझाव मांगे। सूत्रों ने बताया कि भारत में सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की मंजूरी देने वाले इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत की अब तक की सेमीकंडक्टर चिप के सफर के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में अब सेमीकंडक्टर बनाने और पैकेजिंग करने वाली 10 इकाइयां लग चुकी हैं, जिनमें कुल 18 अरब डॉलर का निवेश तय हो चुका है।
एक व्यक्ति ने कहा, ‘इस बैठक का मकसद यह दिखाना था कि भारत में एक ऐसा सेमीकंडक्टर तंत्र है जिसका समर्थन एक स्थिर और भरोसेमंद सरकारी नीतियां कर रही हैं। साथ ही, हमारे पास डिजाइन, पैकेजिंग, स्टार्टअप और इस क्षेत्र में काम करने वाले कुशल लोगों की क्षमता भी है।’
इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सेमीकॉन इंडिया’ के चौथे संस्करण में लगी प्रदर्शनियों का जायजा लिया जहां उन्होंने इन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। सेमीकॉन इंडिया 2025, का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को किया था। इस कार्यक्रम में एएसएमएल के सीईओ क्रिस्टोफ फुके, अप्लाइड मटेरियल्स में सेमीकंडक्टर उत्पाद समूह के अध्यक्ष प्रभु राजा और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के रणधीर ठाकुर एवं श्रीनिवास सत्य जैसे शीर्ष अधिकारियों ने भारत और दुनिया की सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला पर अपने विचार साझा किए।
मंगलवार को ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा था कि भले ही भारत ने सेमीकंडक्टर की अपनी यात्रा देर से शुरू की है, लेकिन अब उसे दस्तावेजी काम से आगे बढ़कर सीधे चिप बनाने का काम शुरू करने से कोई नहीं रोक सकता है। करीब 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाले ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ की घोषणा दिसंबर 2021 में हुई थी और इसके लगभग सारे फंड का इस्तेमाल हो चुका है।
सरकार द्वारा अब तक एक चिप बनाने वाली इकाई, एक कंपाउंड चिप इकाई और आठ आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग इकाई (ओएसएटी) के साथ-साथ असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग, पैकेजिंग (एटीएमपी) इकाई को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। मंगलवार को उद्घाटन सत्र के दौरान, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि जब पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है, तब भारत एक स्थिर अर्थव्यवस्था के रूप में सबसे अलग खड़ा है।