कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े औसत बैंकिंग धोखाधड़ी का मूल्य 2021-22 (वित्त वर्ष 2022) में 8.5 फीसदी बढ़कर 34,802 रुपये था। भले ही इस तरह के मामलों की संख्या में सालाना आधार पर गिरावट आई। सोमवार को लोकसभा में जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में धोखाधड़ी के 65,045 ऐसे मामले थे। इसमें शामिल कुल मूल्य 226.4 करोड़ रुपये थे।
आंकड़ों एटीएम और अन्य प्रकार के कार्डों के लिए वाणिज्यिक बैंकों में धोखाधड़ी शामिल है। इसके अलावा ‘कार्ड, इंटरनेट-एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग’ श्रेणी के तहत लेनदेन शामिल हैं।
लोकसभा के आंकड़ों के अनुसार, इसकी तुलना में 2020-21 (वित्त वर्ष 2021) में 70,655 ऐसे मामले आए थे। कुल राशि भी 226.6 करोड़ रुपये थी यानी लगभग समान रही। इससे औसत राशि में वृद्धि हुई। एटीएम धोखाधड़ी के मामले अन्य राज्यों की तुलना में कुछ राज्यों में अधिक केंद्रित प्रतीत होते हैं।
आंकड़े में पाया गया कि देश के सिर्फ पांच राज्यों में सभी कार्ड धोखाधड़ी के मामलों में लगभग तीन-चौथाई हैं। महाराष्ट्र में इस तरह के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहां वित्त वर्ष 2022 में 74.62 करोड़ रुपये 26,085 मामले मिले। इसका मतलब हुआ वहां हर दिन औसतन 28,606 रुपये की वहां धोखाधड़ी हुई।
देश में हुई कुल धोखाधड़ी के मामलों में से इस राज्य से 40 फीसदी जुड़े हैं। इसकी तुलना में, दिल्ली में 24.35 करोड़ रुपये के 8,075 मामले दर्ज किए गए। ऐसे धोखाधड़ी के मामलों यह 12.4 फीसदी था।
बैंकों के हिसाब से देखें तो, कोटक महिंद्रा के वित्त वर्ष 2022 में 33,296 मामले थे, जो इस तरह की सभी धोखाधड़ी का लगभग आधा था। हालांकि, वित्त वर्ष 2021 की 65 फीसदी हिस्सेदारी यानी 70,655 मामलों से नीचे है। मूल्य के संदर्भ में देखें तो वित्त वर्ष 2022 में 57.72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई।
इससे पहले वित्त वर्ष 2021 में 64.23 करोड़ रुपये की हुई थी। ऐक्सिस बैंक वित्त वर्ष 2022 में 25.07 करोड़ रुपये या मूल्य के संदर्भ में कुल 10 फीसदी यानी 6,124 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
वित्त वर्ष 2022 के आंकड़ों के अनुसार, दो बैंकों के बाद आईसीआईसीआई बैंक (34.39 करोड़ करोड़ रुपये के 5,002 मामले), एचडीएफसी बैंक (10.61 करोड़ रुपये के 3,866 मामले) और अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉरपोरेशन (5.83 करोड़ रुपये के 2,258 मामले) हैं।
आईसीआईसीआई बैंक ने वित्त वर्ष 2021 के 32.67 करोड़ रुपये के 1,390 मामलों की तुलना में वित्त वर्ष 2022 में लेनदेन की संख्या और धोखाधड़ी के मूल्य दोनों में इजाफा देखा है।
देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक की धोखाधड़ी की संख्या 40 फीसदी गिरकर 1,187 रही, लेकिन वित्त वर्ष 2022 के लिए मूल्य लगभग 22.62 करोड़ रुपये ही रहा।