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तेजी से बढ़ रहा इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग उद्योग, इस साल 25% ग्रोथ की उम्मीद

'इंडिया इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग रिपोर्ट 2025' नामक रिपोर्ट के अनुसार कई पारंपरिक और डिजिटल-फर्स्ट एजेंसियां अपनी इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग क्षमताओं को मजबूत कर रही हैं।

Last Updated- June 11, 2025 | 10:40 PM IST
influencer marketing

देश में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग उद्योग तेजी से फैल रहा है। इस साल इसके 25 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो पिछले साल 3,600 करोड़ रुपये का था। ‘इंडिया इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग रिपोर्ट 2025’ नामक रिपोर्ट के अनुसार कई पारंपरिक और डिजिटल-फर्स्ट एजेंसियां अपनी इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग क्षमताओं को मजबूत कर रही हैं। इससे उद्योग के रास्ते खुल रहे हैं।

द गोट एजेंसी, डब्ल्यूपीपी मीडिया (पूर्व में ग्रुपएम) के इन्फ्लुएंसर और कंटेंट मार्केटिंग समाधान खंड तथा मार्केटिंग डेटा और एनालिटिक्स कंपनी कैंटार द्वारा जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में मीडिया-मार्केटिंग क्षेत्र में 20 से अधिक विलय और अधिग्रहण तथा मीडिया एजेंसियों के अपनी इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग क्षमताओं को मजबूत करने के कारण उद्योग में तेज वृद्धि दर्ज की गई है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 70 प्रतिशत ब्रांडों ने इन्फ्लुएंसर की विश्वसनीयता को उनके साथ के साथ जुड़ने का सबसे बड़ा कारण बताया है। इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कंटेंट क्रिएटर्स का समर्थन करने, नवाचार, उत्पादन गुणवत्ता और प्रसार बढ़ाने के मकसद से 1 अरब डॉलर की सहायता रा​शि झोंकी है।

रिपोर्ट के अनुसार उद्योग में सबसे महत्त्वपूर्ण बदलाव यह देखने को मिला है कि अब फॉलोअर की संख्या बढ़ाने के बजाय सामग्री की गुणवत्ता और क्रिएटर प्रासंगिकता पर जोर दिया जा रहा है। क्योंकि 85 प्रतिशत ब्रांड इन्फ्लुएंसर का चयन करते समय इन्हीं मानकों को परखते एवं प्राथमिकता देते हैं। वहीं, 72 प्रतिशत ब्रांड इन्फ्लुएंसर के साथ लंबे समय तक साझेदारी करना पसंद करते हैं, जबकि 95 प्रतिशत ब्रांड सामग्री नियंत्रण और ब्रांड सुरक्षा के संबंध में बढ़ती चिंताओं के कारण मैक्रो-इन्फ्लुएंसर के प्रति अपना झुकाव रखते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थापित माइक्रो-इन्फ्लुएंसर ऑटोमोटिव और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसी उच्च श्रेणियों में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। लगभग 85 प्रतिशत मार्केटर्स (विपणक) इन क्षेत्रों में ही निवेश बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।

डब्ल्यूपीपी मीडिया, द​क्षिण एशिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) अश्विन पद्मनाभन ने एक बयान में कहा, ‘आज के उपभोक्ता सिर्फ उत्पाद नहीं खरीद रहे हैं, बल्कि वे उन कहानियों, समुदायों और क्रिएटर्स को खरीद रहे हैं जिन पर वे भरोसा करते हैं। गुणवत्तापूर्ण कंटेंट, सटीक आंकड़े और विश्वसनीयता पर दोबारा जोर देने के साथ देश में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग परिपक्वता की ओर बढ़ रही है।’

कैंटार के स्पेशलिस्ट बिजनेस, इनसाइट्स डिवीजन के डायरेक्टर पुनीत अवस्थी ने कहा, ‘भारत में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग अब सिर्फ प्रसार तक सीमित नहीं है, यह प्रासंगिकता, जीवंतता और परिणामों को भी उतना ही महत्त्व दे रही है। जैसे-जैसे उपभोक्ता अधिक समझदार होते जा रहे हैं, धारणाओं को आकार देने, उत्पाद खोजने में मदद करने और उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित करने में इन्फ्लुएंसर की भूमिका पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। भविष्य उन ब्रांडों का है, जो इन्फ्लुएंसर को रणनीतिक सहयोगी मानते हैं। केवल अपने कंटेंट पर भरोसा करने वाले ब्रांड पिछड़ सकते हैं।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता के नजरिए से देखें तो क्रिएटर खरीदारी रुझान को काफी प्रभावित कर रहे हैं। किसी उत्पाद को खोजने, उसके बारे में जानकारी जुटाने और फिर उसे खरीदने में आगे बढ़ने के लिए दो-तिहाई भारतीय उपभोक्ता इन्फ्लुएंसर का सहारा लेते हैं।

First Published - June 11, 2025 | 10:25 PM IST

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