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Interview: ‘निवेश से पैदा होंगी 10 लाख नौकरियां’, CM भजन लाल शर्मा ने बीते नौ महीनों में अपनी सरकार के प्रदर्शन पर की चर्चा

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि भाजपा लोक सभा चुनावों में मिले झटकों से उबरते हुए प्रदेश की 7 विधान सभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भारी जीत दर्ज करेगी।

Last Updated- October 07, 2024 | 6:16 AM IST
CM Bhajan Lal Sharma

पहली बार विधायक बने 57 वर्षीय भजन लाल शर्मा को पिछले साल दिसंबर में आश्चर्यजनक रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान में अपनी सरकार का नेतृत्व सौंप दिया। शर्मा इस साल 9 से 11 दिसंबर तक जयपुर में होने वाले राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश सम्मेलन की तैयारी से जुड़ी बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे थे और यहां उन्होंने अर्चिस मोहन से बीते नौ महीनों में अपनी सरकार के प्रदर्शन के बारे में बातचीत की। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा लोक सभा चुनावों में मिले झटकों से उबरते हुए प्रदेश की 7 विधान सभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भारी जीत दर्ज करेगी। भाजपा ने लोक सभा चुनावों में राजस्थान की 25 में से 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

बीते साढ़े नौ महीनों में आप अपनी सरकार के प्रदर्शन को कैसे आंकते हैं?

हमारी सरकार का गठन 15 दिसंबर को हुआ था और उसके अगले दिन से ही हम वे वादे पूरे करने में लग गए, जो हमने राजस्थान के लोगों से अपने संकल्प पत्र के जरिये किए थे। 16 दिसंबर को परीक्षा में हुए प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया और एक एंटी गैंगस्टर फोर्स भी बनाई और अब तक इन गतिविधियों में संलिप्त 150 लोग जेल में हैं। हमने 450 रुपये में घरेलू रसोई गैस देने के अपने वादे को भी पूरा किया।

पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता भी बढ़ाई और प्रदेश के 65 लाख किसानों को पहली किस्त बांटी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा के साथ-साथ पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के मानदेय में भी 15 फीसदी का इजाफा किया। इसके अलावा हमने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 125 रुपये की बढ़ोतरी की।

राज्य के जल संकट और बिजली की कमी को दूर करने की दिशा में क्या किया?

हमने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) में तेजी लाने के लिए कदम उठाए हैं, जिससे पूर्वी जिलों को पानी मिलेगा। हमने राजस्थान के हिस्से के यमुना नदी के पानी को प्राप्त करने के लिए हरियाणा सरकार के साथ करार किया है। इसके अलावा उदयपुर में वर्षा जल संचयन के लिए भी कदम उठाए हैं और राजस्थान के भीतर नदियों को जोड़ने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है।

जहां तक बिजली का सवाल है तो पिछली कांग्रेस सरकार ने इसमें सुधार के लिए कोई प्रयास नहीं किया। हमने राजस्थान को साल 2027 तक विद्युत अधिशेष राज्य बनाने के लिए 2.24 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं और यह सुनिश्चित किया है कि हमारे किसानों को अभी की तरह सिर्फ दिन में नहीं बल्कि रात में भी बिजली मिले एवं उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सके। हमने ग्रामीण इलाकों में पीएम कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया है।

कौन-कौन सा एजेंडा अभी लंबित है? नौकरियों के सृजन के लिए क्या किया है?

हमने सरकार बनने के हफ्ते भर के भीतर ही 33,000 नियुक्ति पत्र जारी किए और ड्राइवर एवं सफाई कर्मचारी जैसे तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की 90,000 सरकारी भर्तियों की भर्ती कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि राजस्थान में आने वाले निवेश से लाखों नौकरियां पैदा होंगी।

कल्याणकारी योजनाओं और पूंजीगत व्यय के बीच तालमेल बिठाने की क्या योजना है?

परिसंपत्ति और नौकरियां सृजित करने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने पूंजीगत व्यय पर ध्यान देना शुरू किया है। हमने नौ नए एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा की है। हमने डीजल पर वैट 7.60 रुपये और पेट्रोल पर 6.17 रुपये प्रति लीटर कम करने के अपने चुनावी वादे को भी पूरा किया है। इससे बीकानेर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में 350 पेट्रोल पंप खोलने में मदद मिली है, जो पिछले पांच या उससे अधिक साल से बंद पड़े थे। साथ ही बिक्री में भी चार गुना का इजाफा हुआ है। राजस्व में 1,400 से 1,500 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

विमान के टरबाइन ईंधन पर कर 26 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी करने से राज्य के किशनगढ़ जैसे इलाकों में फ्लाइंग स्कूल खोलने में दिलचस्पी दिखाई जा रही है और भीलवाड़ा, अमीरगढ़ (बांसवाड़ा जिला), झालावाड़ और सीकर में नए स्कूल खोले जा रहे हैं। जब कर 26 फीसदी लगता था तब कोई फ्लाइंग स्कूल नहीं था। जयपुर में अब हर दूसरे दिन एक मालवाहक विमान उतरता है। उदयपुर जैसे शहरों में हवाई अड्डे का विस्तार हो रहा है। कोटा और बाड़मेर जैसे शहरों में नए हवाई अड्डे बनाने के लिए जमीन आवंटित की जा रही है।

राइजिंग राजस्थान निवेश सम्मेलन की मुख्य बातें क्या हैं?

हमने 12.5 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जो मुख्य तौर पर नवीकरणीय ऊर्जा और सीमेंट क्षेत्र से जुड़े हैं और इसमें अभी भी दो महीने का वक्त है क्योंकि दिसंबर में इसका आयोजन होना है। इन निवेश से 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी, जिनमें 4 लाख सरकारी नौकरियां शामिल हैं। हमने 23 देशों में निवेशकों तक पहुंचने के लिए राजस्थान कैडर के 23 भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों को नियुक्त किया है और भारत के निवेशकों के लिए भी 19 अधिकारियों को नियुक्त किया है। मैंने राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले अन्य कैडर के आईएएस अधिकारियों के साथ भी बैठक की है।

अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के किसी मुख्यमंत्री द्वारा की गई यह अनोखी पहल है। महाराष्ट्र में पदस्थापित उनमें से एक अधिकारी ने बताया कि वह स्कूल में मुझसे एक साल जूनियर थे। हमने भूमि की पहचान कर ली है, कार्य आदेशों की मंजूरी भी दे दी है और जयपुर के पास एक फिल्म सिटी सहित 10,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी है। हम जल्द ही नई औद्योगिक और पर्यटन के साथ-साथ दर्जनभर अन्य क्षेत्रों के लिए नई नीति पेश करने जा रहे है। कुछ पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है और उनके लिए सरकार ने 300 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। साथ ही हमने महाराणा प्रताप पर्यटन सर्किट और मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर भगवान कृष्ण गमन पथ बनाने की भी घोषणा की है।

आप पहली बार विधायक बने और मुख्यमंत्री निर्वाचित हो गए। वरिष्ठों का सहयोग कैसा रहा है?

मैंने दशकों तक पार्टी संगठन में काम किया है और पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ मेरे अच्छे समीकरण रहे हैं। यह बरकरार है। जब भी मैंने मदद मांगी है तो मुझे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, भूपेंद्र यादव, अर्जुन राम मेघवाल से मदद और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से मार्गदर्शन मिला है। मैं प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के सिद्धांत पर काम करता हूं।

First Published - October 7, 2024 | 6:16 AM IST

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