facebookmetapixel
सरकार को घरेलू विनिर्माण को स्वार्थी ताकतों से बचाना चाहिएEditorial: विषाक्त कफ सिरप से बच्चों की मौत ने नियामकीय सतर्कता पर उठाए सवालभारतीय IT कंपनियों के लिए एच-1बी वीजा मसला एक झटका, लेकिन यहां अवसर भीवित्त वर्ष 27 तक घरेलू गैस की मांग बढ़ेगी, कीमतों में आएगी कमी: राजेश मेदिरत्ता2050 तक भारत में तेल की मांग दोगुनी होकर 90 लाख बैरल प्रतिदिन होने का अनुमानभारत-चिली वार्ता तेजी से आगे बढ़ रहा, 2025 तक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्यमहिंद्रा ऐंड महिंद्रा : पूरी रफ्तार से दौड़ रही बोलेरो की उत्पादन क्षमतासितंबर में सेवा क्षेत्र की गति सुस्त, PMI गिरकर 60.9 पर; निर्यात और मांग पर असर पड़ासरकार GST 3.0 के तहत रिफंड प्रक्रिया को स्वचालित करने की तैयारी कर रही, पारदर्शिता बढ़ाने पर जोरभारत प्रतिस्पर्धा आयोग ने AI में स्व-ऑडिट की वकालत की, कहा: इससे पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगा

भजन लाल शर्मा: सरपंच से मुख्यमंत्री तक का सफर

भजनलाल शर्मा की मंगलवार को कहानी कुछ ऐसी ही रही। उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया और इसके साथ ही वह राज्य की राजनीति के केंद्र में आ गए।

Last Updated- December 15, 2023 | 3:08 PM IST
Swearing of Rajasthan CM-designate
Swearing of Rajasthan CM-designate

बीते मंगलवार की दोपहर तक किसी को अंदाजा नहीं था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायकों के फोटो सेशन में पीछे वाली कतार में खड़ा व्यक्ति कुछ ही मिनट बाद राज्य की राजनीति के केंद्र में होगा। भजनलाल शर्मा की मंगलवार को कहानी कुछ ऐसी ही रही। उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया और इसके साथ ही वह राज्य की राजनीति के केंद्र में आ गए। भरतपुर की एक ग्राम पंचायत के सरपंच रहे शर्मा अब राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं।

उन्होंने शुक्रवार को यहां ऐतिहासिक अल्‍बर्ट हॉल के सामने आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पद व गोपनीयता की शपथ ली। भजनलाल शर्मा पहली बार विधायक बने हैं। पार्टी के प्रदेश महासचिव शर्मा सुर्खियों से दूर रहकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं और 1992 में श्रीराम जन्मभूमि भूमि आंदोलन के दौरान जेल भी जा चुके हैं। अपने 34 साल के सक्रिय राजनीतिक करियर के दौरान उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) और पार्टी में संगठनात्मक स्तर पर विभिन्न पदों पर कार्य किया है। 57 वर्षीय शर्मा को समर्पित पार्टी कार्यकर्ता के रूप में देखा जाता है और वह सुर्खियों से दूर रहना पसंद करते हैं।

शर्मा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई भरतपुर जिले के अटारी गांव और नदबई कस्बे में पूरी की। बाद में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हो गए और नदबई व भरतपुर इलाके में सामाजिक मुद्दों पर काम करते रहे।

शर्मा ने 1990 में एबीवीपी के कश्मीर मार्च में सक्रिय रूप से भाग लिया और 100 अन्य कार्यकर्ताओं के साथ उधमपुर तक मार्च कर गिरफ्तारी दी। वह 1992 में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान जेल भी गये। 1991-92 के दौरान उन्हें भाजयुमो में जिम्मेदारी मिली और उनके राजनीतिक करियर ने नयी रफ्तार पकड़ी। वह पहली बार 27 साल की उम्र में सरपंच चुने गए थे। वह दो बार सरपंच और एक बार पंचायत समिति सदस्य चुने गये। वह भाजपा के भरतपुर जिला सचिव और जिला अध्यक्ष बनने से पहले तीन बार भाजयुमो जिला अध्यक्ष रहे। अपने गृह नगर भरतपुर को छोड़कर, शर्मा ने जयपुर मुख्यालय में प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। शर्मा के पास राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री है और उनका व्यवसाय कृषि है। पार्टी नेताओं का कहना है कि शर्मा नियमित रूप से मथुरा में गोवर्धन-गिरिराज परिक्रमा में जाते हैं जहां भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आते थे और दोनों के बीच मुलाकात होती थी।

शर्मा तब भरतपुर में जिला अध्यक्ष थे। यहीं से वे नड्डा की नजर में आए। बाद में उन्होंने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सहयोगी के रूप में काम किया और कहा जाता है कि शाह उनके काम से प्रभावित हुए। राज्य में विधानसभा की 200 में 199 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 115 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं। राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। वहां अब पांच जनवरी को मतदान होगा।

First Published - December 15, 2023 | 3:08 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट