भारत

बड़े शहरों में 3 फीसदी से कम बेड पर मरीज

देश भर में दो दिवसीय मॉकड्रिल, कोविड मामले बढ़ने के बावजूद बड़े शहरों के अस्पतालों में ज्यादातर बिस्तर खाली

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सोहिनी दास, अनुष्का साहनी
Last Updated- April 11, 2023 | 11:17 PM IST

देश में कोविड-19 महामारी के नए मामले बढ़ने लगे हैं मगर बड़े शहरों के अस्पतालों में अब भी 3 प्रतिशत से कम बिस्तरों पर ही इसके मरीज हैं। इस बीच, कोविड महामारी के किसी खतरे से निपटने के लिए देश भर के अस्पतालों में संकटकालीन बचाव प्रशिक्षण (मॉक ड्रिल) आयोजित किए गए।

मंगलवार को देश में कोविड के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 37,000 से अधिक हो गई। पिछले 24 घंटे में 5,676 नए मामले दर्ज किए गए जिससे संक्रमण दर अब 2.88 प्रतिशत हो गई है। पिछले 24 घंटे में कोविड से बचाव के केवल 358 टीके लगाए गए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार शाम को कहा, ‘कोविड महामारी से निपटने की तैयारी का जायजा लेने के लिए देश भर में दो दिनों की मॉक ड्रिल हुई। देश के 35 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 724 जिलों में मॉक ड्रिल हुई।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने 7 अप्रैल को कोविड से लड़ने की तैयारी का जायजा लेने के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों को मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए थे। इससे पहले उन्होंने 28 मार्च को भी इस संबंध में पत्र लिखा था। इस राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल में कुल 33,685 स्वास्थ्य संस्थानों ने हिस्सा लिया जिनमें 28,050 सरकार और 5,635 निजी संस्थान थे।

इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘मॉक ड्रिल में ऑक्सीजन से लैस बिस्तर, गंभीर मरीजों के लिए बिस्तरों की अलग व्यवस्था, वेंटीलेटर, पीएसए प्लांट, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर, दवाएं एवं व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) सहित महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविदाओं एवं संसाधनों की उपलब्धता की समीक्षा की गई। स्वास्थ्यकर्मियों ने पूरी शिद्दत से मॉक ड्रिल में भाग लिया।‘ इस बीच, बिजनेस स्टैंडर्ड के एक विश्लेषण में पाया गया है कि कोविड मामले बढ़ने के बावजूद देश के बड़े शहरों में ज्यादातर बिस्तर खाली हैं।

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के अस्पताल में 97 प्रतिशत से अधिक बिस्तरों पर मरीज नहीं हैं। मुंबई के अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की दर 2.4 प्रतिशत थी। दिल्ली में 1.4 प्रतिशत और चेन्नई में 0.4 प्रतिशत थी। दिल्ली और चेन्नई के आंकड़े 9 अप्रैल तक के हैं। मुंबई के आंकड़े 10 अप्रैल तक के हैं।

दिल्ली के आंकड़े मुख्य रूप से कोविड मरीजों के लिए खास तौर पर आरक्षित अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की दर की ओर इशारा कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के विशेष तौर पर आरक्षित कोविड देखभाल केंद्रों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों के भर्ती होने की दर शून्य थी। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में कोविड-19 मरीजों के लिए कुल 8,132 बिस्तर उपलब्धहैं। इनमें 136 बिस्तर पर मरीज हैं।

चेन्नई से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ऑक्सीजन सुविधा से लैस 4,154 बिस्तरों में से 7 पर मरीज थे। बिना ऑक्सीजन सुविधा वाले कुल 2,069 बिस्तरों में 20 पर ही मरीज थे। कुल मिलाकर 7,215 बिस्तरों में 27 पर मरीज थे।

मुंबई में ऑक्सीजन सुविधा से लैस 2,099 बिस्तरों में 37 पर मरीज थे। सघन चिकित्सा कक्षों (आईसीयू) में उपलब्ध कुल 875 बिस्तरों में करीब 34 बिस्तरों पर मरीज हैं। शहर में जीवन रक्षक प्रणाली से लैस कुल 522 बिस्तर उपलब्ध हैं जिनमें करीब 8 पर मरीज हैं।

कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध 4,359 बिस्तरों में करीब 110 पर मरीज हैं। कुल मिलाकर 7,855 बिस्तरों में 189 पर मरीजों का इलाज चल रहा है। देश में कोविड महामारी की संक्रमण दर धीरे-धीरे बढ़ रही है। अप्रैल के शुरू में यह दर 2.1 प्रतिशत थी जो 11 अप्रैल को बढ़कर 4.1 प्रतिशत हो गई।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार 11 अप्रैल को 5,676 औसत रोजाना मामले दर्ज हुए। पिछले एक सप्ताह के दौरान नए मामलों में इससे पिछले सप्ताह के दौरान 79 प्रतिशत इजाफा हुआ है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के अनुसार 10 अप्रैल तक 1,96,796 लोगों की जांच हुई थी जबकि एक सप्ताह पहले यह आंकड़ा 1,64,740 था।

First Published : April 11, 2023 | 11:05 PM IST