Patent Filing: स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन चाउनिंग (John Chowning) ने डिजिटल सिंथेसिसर्स के माध्यम से संगीत (music) बनाने के लिए एक एल्गोरिदम का आविष्कार किया। 1977 में पेटेंट प्राप्त करने के बाद, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इसे एक कीबोर्ड इंस्ट्रूमेंट बनाने के लिए जापान की यामाहा कॉर्पोरेशन (Yamaha Corporation) को लाइसेंस दिया, जो पश्चिमी रॉक बैंड (western rock bands) और भारतीय फिल्म संगीतकारों का पसंदीदा इंस्ट्रूमेंट बन गया।
भारत में, पेटेंट प्राप्त करने के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ी है। इसमें विश्वविद्यालयों सहित शैक्षणिक संस्थान सबसे आगे हैं। पेटेंट में उनकी हिस्सेदारी FY22 में 11 फीसदी से बढ़कर FY23 में 23 फीसदी हो गई है। इससे पहले के वर्षों का डेटा उपलब्ध नहीं था।
पेटेंट ऑफिस की 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, “देश भर के 7,377 शैक्षणिक संस्थानों” में एक जागरूकता मिशन के तहत लगभग 19 लाख छात्रों और शिक्षकों को बौद्धिक संपदा (intellectual property) के बारे में पढ़ाया गया है। शैक्षणिक संस्थानों ने FY22 में 7,501 की तुलना में FY23 में 19,430 पेटेंट दाखिल किए। (देखें चार्ट 1)
2020 की शुरुआत में देश में कोविड-19 के आने के बाद से भारत में पेटेंट दाखिल करने में 63 फीसदी की वृद्धि हुई है। FY 2019 में 50,659 की तुलना में FY23 में 82,811 से ज्यादा पेटेंट दाखिल किए गए थे। पेटेंट अनुदान (Patent grants) 100 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 15,283 से 34,134 हो गया (देखें चार्ट 2)
FY 2023 में लगातार दूसरे वर्ष विदेशियों की तुलना में ज्यादा भारतीयों ने देश में पेटेंट दाखिल किए, लेकिन अप्रूवल वाले अधिकांश पेटेंट विदेशियों के पास हैं। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारतीयों के पास 26,165 और विदेशियों के पास 1,11,168 पेटेंट हैं।
भारत में फाइल किए गए एक चौथाई पेटेंट कंप्यूटर विज्ञान में थे, इसके बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 18 फीसदी और फार्मास्युटिकल सहित रासायनिक अनुप्रयोग में 14 फीसदी थे।
ग्लोबल पेटेंट अनुदान में भारत की हिस्सेदारी बढ़ी है लेकिन यह पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में चौथे स्थान पर है। ग्लोबल पेटेंट का 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सा चीन, अमेरिका और जापान का है। 2013 में ग्लोबल पेटेंट अनुदान का लगभग 0.3 फीसदी भारत में था जो 2022 में बढ़कर 1.7 फीसदी हो गया। इसी अवधि में चीन की हिस्सेदारी 17.8 फीसदी से बढ़कर 43.8 फीसदी हो गई। (देखें चार्ट 3) हालांकि इसके पेटेंट की क्वालिटी को लेकर आशंकाएं हैं।
इनोवेशन पर चीन के बढ़ते फोकस ने रॉयल्टी में डिविडेड का भुगतान किया है। 1994 में सिंथेसिसर्स पेटेंट समाप्त होने से पहले स्टैनफोर्ड ने भी यामाहा से 2.3 करोड़ डॉलर की रॉयल्टी अर्जित की थी।