Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव अब चरम पर पहुंच चुका है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से पाकिस्तान को कर्ज मिलने के बाद उसकी ओर से आक्रामक हरकतों में तेजी आई है। दोनों देशों के बीच सीमा पर सैन्य टकराव की घटनाएं बढ़ रही हैं और कई इलाकों में ड्रोन हमले भी किए गए हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा है कि पाकिस्तान की हरकतें उकसावे वाली और युद्ध को बढ़ावा देने वाली हैं। उन्होंने कहा कि भारत जिम्मेदारी से प्रतिक्रिया दे रहा है और युद्ध नहीं चाहता, लेकिन पाकिस्तान को भी तनाव कम करने की दिशा में ईमानदारी दिखानी चाहिए।
MEA और MoD ने की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस
विदेश मंत्रालय (MEA) और रक्षा मंत्रालय (MoD) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर शनिवार सुबह 10:30 बजे संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की। इस दौरान सरकार ने साफ किया कि भारत ने अब तक बेहद संयम और जिम्मेदारी से प्रतिक्रिया दी है, लेकिन पाकिस्तान की उकसावे भरी कार्रवाईयों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
ALSO READ: Operation Sindoor: सीमा पर तनाव के बीच सेना आज करेगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सभी आक्रामक कोशिशों को पूरी तरह नाकाम कर दिया है। भारतीय बलों ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है, जिनमें सियालकोट एयरबेस भी शामिल है।
26 ठिकानों पर एक साथ ड्रोन हमला, भारत ने किया निष्क्रिय
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक भारत के 26 इलाकों में शुक्रवार को ड्रोन हमले किए। लेकिन भारतीय वायुसेना और वायु रक्षा प्रणाली ने समय रहते खतरे को पहचानते हुए अधिकतर ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया। जम्मू, सांबा, राजौरी, उधमपुर, नगरोटा, अवंतीपोरा, रियासी, पुंछ, अखनूर, पठानकोट और अमृतसर जैसे संवेदनशील इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी।
फिरोजपुर में एक घर पर पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा गिरने से तीन आम नागरिक घायल हो गए। बाकी स्थानों पर कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई: आतंक के अड्डों पर सटीक हमला
सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमला किया है। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों और रक्षा विशेषज्ञों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और सीमा पर भारत की तैयारियों की समीक्षा की।