राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शुक्रवार को चेन्नई में कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना की सटीक मारक क्षमता का प्रदर्शन हुआ, जिसमें पाकिस्तान में 9 आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘हमें पता था कि कौन कहां है, जबकि हमारे यहां एक शीशा भी नहीं टूटा।’
डोभाल ने सीमा पार के खतरों को नाकाम करने में भारत की क्षमता और तकनीकी कौशल पर गौरवान्वित होने की बात कही। उन्होंने कहा कि सटीकता इस स्तर की थी कि भारत को पता था कि कौन कहां है। उन्होंने कहा कि पूरा अभियान 7 मई को रात 1 बजे के बाद शुरू हुआ और मुश्किल से 23 मिनट तक जारी रहा। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। आईआईटी मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में डोभाल ने कहा, ‘इसके बाद उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने ऐसा किया, वैसा किया, वगैरह, वगैरह…। क्या आप मुझे एक भी ऐसी तस्वीर दिखा सकते हैं, जिससे पता चलता हो कि भारत को इस दौरान कोई नुकसान हुआ है। यहां तक कि एक शीशा भी नहीं टूटा।’
ऑपरेशन की प्रभावशीलता पर सवाल उठाने वाले ‘न्यूयार्क टाइम्स’ समेत अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज पर एक प्रकार से निशाना साधते हुए डोभाल ने कहा, ‘उन्होंने वही लिखा, जो वे चाहते थे। लेकिन उपग्रह चित्र असली कहानी बताते हैं कि 10 मई से पहले और बाद में 13 पाकिस्तानी एयरबेस में क्या हुआ।’ छात्रों को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी और युद्ध के बीच अहम संबंध है और देश को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करनी चाहिए।
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इससे पहले, पद्म विभूषण से सम्मानित और प्रख्यात नृत्यांगना पद्मा सुब्रह्मण्यम ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए उन्हें बधाई दी और छात्रों की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका अभिनंदन किया। इस मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, ‘मुझे इस पर (ऑपरेशन सिंदूर पर) गर्व है। ’ उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात पर गर्व है कि हमारी कुछ बेहतरीन प्रणालियों ने काम किया, चाहे वह ब्रह्मोस (मिसाइल) हो, एकीकृत हवाई नियंत्रण और कमान प्रणाली हो या युद्धक्षेत्र निगरानी। हमने 9 आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधा, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में नहीं, बल्कि पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में थे और हम एक भी नहीं चूके।’
उन्होंने कहा कि किसी भी ऐसे स्थान पर हमला नहीं हुआ, जिस पर लक्ष्य नहीं साधा गया था और हमले में सटीकता इस स्तर की थी कि भारत को पता था कि कौन कहां है और पूरा ऑपरेशन 23 मिनट में पूरा हो गया। पद्मा सुब्रह्मण्यम ने डोभाल की भूमिका के लिए उन्हें बधाई देते हुए कहा, ‘एक गौरवान्वित भारतीय के रूप में मैंने हमेशा अपने जवानों को सलाम किया है, जो हमारे राष्ट्रीय रक्षक देवदूत हैं।’ डोभाल ने कहा कि देश प्रौद्योगिकी की लड़ाई में हारकर दूसरों से पीछे रहने या दशकों पीछे रह जाने का जोखिम नहीं उठा सकता। उन्होंने ढाई साल में 5जी विकसित करने में आईआईटी मद्रास और निजी क्षेत्र की भूमिका का उल्लेख किया, जबकि चीन को 5जी प्रौद्योगिकी विकसित करने में 12 साल से अधिक का समय लगा और उसने 300 अरब डॉलर खर्च किए।