Operation Sindhu: ईरान ने एक अहम और असाधारण फैसला लेते हुए भारतीय उड़ानों (Indian evacuation flights) को अपने प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र से गुजरने की इजाजत दे दी है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन सिंधु (Operation Sindhu) को समर्थन देने के तहत लिया गया है। इस अभियान का उद्देश्य ईरान के संघर्ष ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालना है।
पहले चरण में भारतीय छात्रों को लेकर आ रही उड़ान भारतीय समयानुसार आज रात 11 बजे दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद शनिवार को दो और उड़ानें निर्धारित हैं—एक सुबह और दूसरी शाम को।
ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष के चलते ईरानी हवाई क्षेत्र आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद है। मिसाइल और ड्रोन हमलों की वजह से सुरक्षा कारणों से यह पाबंदी लागू की गई है। हालांकि, इन हालातों के बावजूद भारत को एक विशेष एयर कॉरिडोर की अनुमति दी गई है, ताकि उसके नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा सके।
भारत ने बुधवार को आधिकारिक रूप से ‘ऑपरेशन सिंधु’ की घोषणा की। ईरान में भारतीय दूतावास तेहरान स्थित ईरानी विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर निकासी अभियान को समन्वित कर रहा है, खासकर तब से जब भारतीय छात्रों के घायल होने की खबरें सामने आई थीं।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा, “विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षण भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
शुक्रवार, 20 जून की रात भारत में दो निकासी उड़ानें पहुंचेंगी। पहली उड़ान रात करीब 11:30 बजे दिल्ली में लैंड करेगी, जबकि दूसरी उड़ान रात 3 बजे के आसपास दिल्ली पहुंचेगी। पहली फ्लाइट ईरान के मशहद शहर से आएगी और दूसरी अश्गाबात से।
ईरान में 4,000 से अधिक भारतीय नागरिक रह रहे हैं, जिनमें करीब आधे छात्र हैं। बड़ी संख्या में भारतीय ईरान के उत्तरी इलाकों में बसे हैं, जहां सैन्य गतिविधियों में हाल ही में तेजी आई है।
इस सप्ताह की शुरुआत में उत्तरी ईरान से 110 छात्रों को सड़क मार्ग से अर्मेनिया की राजधानी येरेवन पहुंचाया गया। इस निकासी अभियान को तेहरान और येरेवन स्थित भारतीय दूतावासों ने मिलकर अंजाम दिया। 18 जून को दोपहर 2:55 बजे येरेवन से एक विशेष उड़ान रवाना हुई, जो 19 जून की तड़के नई दिल्ली पहुंची।
छात्रों के साथ-साथ कई भारतीय श्रद्धालु भी ईरान में फंसे हुए हैं, जिनमें लखनऊ के 28 श्रद्धालु भी शामिल हैं। ये सभी 27 मई को भारत से इराक के लिए रवाना हुए थे और 9 जून को ईरान की सीमा में प्रवेश किया। उनके धार्मिक यात्रा कार्यक्रम में कर्बला, मशहद, तेहरान, निशापुर और काशान जैसे धार्मिक स्थलों का दौरा शामिल था।
इनमें से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हज यात्रा पूरी कर चुके थे, जो सोमवार को ईद के साथ समाप्त हुई। इसके बाद वे ईरान पहुंचे। यह मार्ग आमतौर पर शिया श्रद्धालुओं द्वारा पवित्र स्थलों की यात्रा के लिए अपनाया जाता है।