केंद्र सरकार ने नई दिल्ली में पशुओं के लिए एम्स जैसा संस्थान स्थापित करने के लिए मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है। इसे अखिल भारतीय पशु चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एआईआईवीएस) कहा जाएगा जो पशु चिकित्सा विज्ञान, शिक्षा एवं अनुसंधान में राष्ट्रीय महत्त्व का केंद्र होगा।
इस संस्थान में पशुओं की चिकित्सा के लिए बाह्य और आंतरिक रोगी चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए 200 से 500 सीटों वाला एक अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी होगा।
मसौदा प्रस्ताव के अनुसार इस संस्थान को सबसे उन्नत नैदानिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। संस्थान में स्नातक पशु चिकित्सकों के लिए शिक्षण सुविधाएं और स्नातकोत्तर एवं पीएचडी स्कॉलर के लिए नवाचार एवं अनुसंधान की सुविधाएं भी एक ही छत के नीचे होंगी।
इस संस्थान के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भूमि की तलाश की जा रही है। एआईआईवीएस का अस्पताल भी एम्स की ही तरह भारत के शीर्ष पशु चिकित्सा अस्पताल के रूप में कार्य करेगा।
मसौदा प्रस्ताव में कहा गया है कि इस पशु चिकित्सा अस्पताल में पालतू जानवरों, खेतिहर मवेशियों, घोड़ों, वन्यजीवन एवं अन्य विदेशी पालतू जानवरों के इलाज के लिए विभाग होंगे। अस्पताल में सर्जरी, ऑप्थैल्मोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, एनेस्थीसिया, सॉफ्ट-टिशू कल्चर, न्यूटर सर्जरी, ऑन्कोलॉजी, कार्डियोलॉजी आदि सभी विभाग अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे।
एआईआईवीएस नीतिगत अनुसंधान एवं सिफारिश के लिए एक थिंक-टैंक के रूप में काम करेगा। साथ ही यह पशु महामारी से निपटने की तैयारी के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा।
सूत्रों ने कहा कि एम्स की तर्ज पर अखिल भारतीय पशु चिकित्सा विज्ञान संस्थान के लिए भारतीय पशु चिकित्सा परिषद (वीसीआई) द्वारा प्रस्ताव दिया गया है। मसौदा प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा। उसके बाद कुल लागत, वित्त पोषण एवं अन्य आवश्यकताओं को अंतिम रूप दिया जाएगा।
भारतीय पशु चिकित्सा परिषद भारतीय पशु चिकित्सा परिषद अधिनियम 1984 के तहत स्थापित एक सांविधिक निकाय है। यह मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेरी मंत्रालय की देखरेख में कार्य करता है।
सूत्रों ने कहा कि अगर मंजूरी मिल जाती है तो यह अस्पताल एवं इसके शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग चरणबद्ध तरीके से अगले तीन से चार वर्षों में परिचालन शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एआईआईवीएस के चालू होते ही देश के अन्य हिस्सों में भी उसका विस्तार किया जा सकता है।
मसौदा प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेरी मंत्री एआईआईवीएस के गवर्निंग बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होंगे जबकि मंत्रालय के सचिव बोर्ड के सचिव भी होंगे। एम्स के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गवर्निंग बोर्ड के पदेन अध्यक्ष हैं।
मसौदा प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि एआईआईवीएस के संचालन मंडल में केंद्रीय पशुपालन आयुक्त, भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष, पांच पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों के वाइस चेयरमैन और राष्ट्रीय संस्थानों के निदेशक शामिल होंगे।
एआईआईवीएस राज्य पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) एवं राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) करनाल जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के मौजूदा पशु चिकित्सा अनुसंधान प्रयासों एवं शैक्षणिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाएगा।
मसौदा प्रस्ताव में कहा गया है कि पहले चरण में करीब 200 छात्रों को नीट एवं एनटीए मेरिट सूची के आधार पर प्रमुख संस्थान में प्रवेश दिया जाएगा।
एआईआईवीएस के परिसर में चार प्रमुख इमारतें होंगी। सबसे पहले पशु चिकित्सा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल होगा और उसके बाद शैक्षणिक ब्लॉक, अनुसंधान ब्लॉक एवं प्रशासनिक ब्लॉक होंगे।