निर्माणाधीन नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट ने गुरुवार को अपनी पहली उड़ान के माध्यम से व्यवस्था की जांच की कवायद की। नए एयरपोर्ट पर कैलिबरेशन फ्लाइट के माध्यम से व्यवस्था परखने की कवायद की जाती है। इसमें वाणिज्यिक परिचालन के पहले नेवीगेशन ऐड, रनवे की प्रकाश व्यवस्था और एयरस्पेस का परीक्षण होता है, जिससे वाणिज्यिक परिचालन के पहले सुरक्षा और सटीकता सुनिश्चित हो सके। इससे पायलटों को एयरपोर्ट के लेआउट और प्रक्रियाओं से परिचित होने में मदद भी मिलती है।
नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट ने एक्स पर लिखा, ‘नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर साफ और धूप वाले दिन ने डीवीओआर कैलिबरेशन फ्लाइट के लिए बेहतरीन मंच प्रदान किया, जो ऐसी तमाम उड़ानों में से पहली उड़ान है। बीचक्राफ्ट किंग एयर बी300 ने आसमान में उड़ान भरी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया (एएआई) के सभी उपकरण बाधारहित तरीके से काम कर रहे हैं।’
नोएडा एयरपोर्ट से इस साल दिसंबर से चालू हो सकता है। एविएशन कंसल्टेंसी फर्म कापा इंडिया का कहना है कि उम्मीद की जा रही है कि यहां से 2025-26 में 94 से 117 लाख यात्री यात्रा करेंगे।
भारत के हवाईअड्डों के नेटवर्क में जेवर, नोएडा में बन रहे नए हवाईअड्डे और पड़ोस के अनुभवी दिल्ली हवाईअड्डे के बीच पहले से ही प्रतिस्पर्धा की संभावना जताई जा रही है। कापा इंडिया ने 3 जनवरी को कहा था कि दो हवाई अड्डों के बीच प्रतिस्पर्धा निश्चित है और यह इस साल जेवर में परिचालन शुरू होने के पहले से भी शुरू हो सकता है।
कापा इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस समय घरेलू सेवाओं के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान ईंधन (एटीएफ) पर 25 प्रतिशत कर लगता है। वहीं नोएडा में यह कर महज 4 प्रतिशत होगा। इसका असर एयरलाइंस के क्षमता आवंटन और विस्तार पर पड़ेगा।’
भारत में एयरलाइंस की कुल लागत में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी एटीएफ की होती है।