केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को मुंबई में हितधारकों के साथ बजट के बाद की पारंपरिक बातचीत शुरू करेंगी। उम्मीद जताई जा रही है कि इसके बाद, इस महीने की पहली छमाही में वह हैदराबाद, इम्फाल, भुवनेश्वर और जयपुर की यात्रा कर सकती हैं। वह विभिन्न हितधारकों और समूहों के साथ चर्चा करेंगी कि उनके लिए बजट में क्या शामिल किया गया है।
वित्त मंत्री की आउटरीच योजना तैयार करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि वह मुंबई और अन्य शहरों में भारत की विभिन्न कंपनियों, उद्योग निकायों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) निकायों, स्टार्टअप, चार्टर्ड अकाउंटेंट और बैंकरों के प्रतिनिधियों से मिल सकती हैं।
बुधवार को अपने 2023-24 के केंद्रीय बजट में सीतारमण ने अपने सालाना पूंजीगत खर्च के लक्ष्य को लगातार तीसरे वर्ष 30 फीसदी से अधिक बढ़ाया। सरकार को ऐसा लगता है भले ही निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ रहा है लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति अभी भी अनिश्चित है, इसलिए केंद्र बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित नहीं कर सकती। बजट में करदाताओं (उच्चतम करदाता सहित) के लिए मामूली राहत थी वहीं लघु मध्यम उद्योगों (एमएसएमई), उद्यमियों और सहकारी निकायों के लिए भी राहत की खबर है।
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वह राजकोषीय घाटा कम करने की राह पर अडिग रहीं और उन्होंने वित्त वर्ष 2024 के लिए जीडीपी के 5.9 फीसदी के बजट घाटे के लक्ष्य की घोषणा की। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘पूंजीगत खर्च में हमारी वृद्धि का कारण यह है कि अगले साल दुनिया के लिए वृद्धि का दृष्टिकोण उतना आशाजनक नहीं है जितना कि कुछ महीने पहले दिख रहा था। इसलिए, अगर वैश्विक स्तर पर वृद्धि में गिरावट आती है, तो इसका असर भारत पर भी पड़ेगा।’