पिछले महीने ही भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) की कमान संभालने वाली रवनीत कौर के लिए अटके हुए मामले निपटाना पहली प्राथमिकता है। पंजाब कैडर की IAS अधिकारी कौर ने रुचिका चित्रवंशी के साथ ईमेल साक्षात्कार में कहा कि CCI प्रतिस्पर्द्धा कानून में बदलावों पर नियम-कायदों को अंतिम रूप देने में कंपनी मामलों के मंत्रालय के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन और एल्गोरिदम में सांठगांठ प्रतिस्पर्द्धा आयोग के लिए नई चुनौतियां हैं। प्रमुख अंश:
प्रतिस्पर्द्धा रोधी और मुनाफाखोरी से संबंधित लंबित मामले निपटाना CCI चेयरपर्सन के तौर पर मेरी पहली प्राथमिकता है। मैंने इस पर सक्रियता से काम शुरू भी कर दिया है। अक्टूबर में 8वें ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा सम्मेलन का आयोजन भी प्राथमिकताओं मे शामिल है। इस सम्मेलन के सफल आयोजन पर जोर होगा। बदलते आर्थिक और नियामकीय माहौल में CCI के सामने आने वाली खास चुनौतियों का सामना करना भी मेरी प्राथमिकता होगी।
प्रतिस्पर्द्धा आयोग के पास इस समय बड़ी तकनीकी कंपनियों से जुड़े ढेरों मामले हैं, जिनमें जांच अलग-अलग चरणों में है। जांच में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है कि मामला कितना अलग और पेचीदा है।
सरकार ने डिजिटल प्रतिस्पर्द्धा कानून पर समिति (CDCL) गठित की है, जो इस मसले को प्राथमिकता के साथ निपटाने में सक्रिय है।
नए प्रतिस्पर्द्धा कानून के कई प्रावधानों के लिए नियम, कायदे और तरीके तय करने हैं। इसके बाद ही कानून के प्रावधान को औपचारिक तौर पर अधिसूचित करना सही होगा। CCI इसके लिए कंपनी मामलों के मंत्रालय के साथ काम कर रहा है।
प्रतिस्पर्द्धा के लिहाज से भारतीय बाजार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इनसे कारगर तरीके से निपटने के लिए मजबूत प्रवर्तन की और बाजार में बदलाव पर निरंतर नजर रखनी होगी CCI इन चुनौतियों से लड़ने और सही प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है।
अतीत में हम बड़ी तकनीकी फर्मों के वर्चस्व और उसके दुरुपयोग, डेटा और निजता की चिंता आदि की समीक्षा कर चुके हैं। हमने विलय व अधिग्रहण के जरिये बाजार पर कब्जा करने और प्रतिस्पर्द्धा को प्रभावित करने के मामलों की जांच की है। मगर ये चुनौतियां बनी हुई हैं और ब्लॉकचेन तथा अल्गोरिदम में सांठगांठ जैसी नई चुनौतियां भी उभर रही हैं।