भारत दमदार प्रतिभा समूह बनाकर और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों के समाधान का हिस्सा बनकर सेमीकंडक्टर उद्योग का अगुआ बनने की आकांक्षा रख सकता है। यहां चल रहे बेंगलूरु टेक समिट 2023 में सेमीकंडक्टर पर चर्चा के दौरान पैनलिस्ट ने यह उम्मीद जताई है।
अप्लाइड मैटिरियल्स के सीटीओ सूरज रेंगोरजन ने कहा ‘भारत सेमीकंडक्टर की प्रतिभा की वैश्विक कमी का समाधान बन सकता है और इसके पास सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की रणनीति में भूमिका निभाने का अवसर है। हमें भारत को सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनाने के लिए पूरा पारिस्थितिकी तंत्र एक साथ लाने की जरूरत है।’
भारत के पास सेमीकंडक्टर उद्योग के संचालन के लिए स्थायी समाधान बनाने का भी अवसर है। उन्होंने कहा ‘जैसे-जैसे उद्योग बढ़ रहा है, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि इसे टिकाऊ बनाने के लिए हमारे पास पर्याप्त बिजली और पानी हो। टिकाऊ उपकरणों का डिजाइन और निर्माण भारत के लिए अवसर है।’
एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स के कंट्री मैनेजर हितेश गर्ग ने कहा कि जब सेमीकंडक्टर के डिजाइन और नवाचार की बात आती है, तो सभी बड़ी कंपनियों ने भारत में बड़ी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि हमारे पास विश्व स्तरीय शिक्षा क्षेत्र भी है। अंतर भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने में है।
गर्ग ने कहा कि इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा जगत और स्टार्टअप के साथ सहयोग भारत के लिए एक अवसर है। कई वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियां पहले ही भारत में भारी निवेश कर रही हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज (एएमडी) ने भारत में अनुसंधान, विकास और इंजीनियरिंग क्षेत्र के परिचालन का विस्तार करने के लिए कंपनी के 40 करोड़ डॉलर के निवेश खर्च के तहत बेंगलूरु में अपना सबसे बड़ा वैश्विक डिजाइन केंद्र खोला है।
आने वाले वर्षों में 5,00,000 वर्ग फुट वाले इस परिसर में लगभग 3,000 इंजीनियर रखने की योजना है, जो 3डी स्टैकिंग, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) सहित सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी के डिजाइन और विकास पर केंद्रित होंगे।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च और इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के अनुसार भारत का सेमीकंडक्टर बाजार साल 2026 तक 64 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो साल 2019 के 22.7 अरब डॉलर के अपने आकार का लगभग तीन गुना है।