Padma Shri Hemchand Manjhi: साल 2024 में ही भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु के हाथों भारत का चौथा सबसे बड़ा पुरस्कार यानी पद्मश्री पुरस्कार पाने वाले छत्तीसगढ़ के हेमचंद मांझी ने उसे वापस लौटाने का ऐलान किया है। मांझी, जिन्हें वैद्यराज के नाम से भी जाना जाता है, ने कहा कि नक्सलियों से लगातार धमकी मिलने के कारण अब वे भारत पद्मश्री पुरस्कार वापस कर देंगे।
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के मशहूर चिकित्सक हेमचंद मांझी ने कहा कि अब वे जड़ी-बूटियों से इलाज करना भी बंद कर देंगे। गौरतलब है कि 72 वर्षीय वैद्यराज हेमचंद मांझी को 22 अप्रैल 2024 को देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री मिला था।
छत्तीसगढ़ की पुलिस ने बताया कि 26 मई की रात नक्सलियों ने जिले के छोटेडोंगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत चमेली और गौरदंड गांवों में दो निर्माणाधीन मोबाइल टावरों में आग लगा दी और वहां मांझी को धमकी देने वाले पर्चे फेंके। माओवादी पर्चे में मांझी की एक फोटो है जिसमें वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्मश्री पुरस्कार लेते दिख रहे हैं।
वैद्यराज को दी गई धमकी में नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने नारायणपुर के छोटेडोंगर इलाके में आमदई घाटी लौह अयस्क परियोजना (Aamdai Ghati Mines Project) को चालू करने में मदद की थी और इसके लिए उन्हें रिश्वत मिली थी। हालांकि मांझी ने इस आरोप से इनकार किया है। दरसअल, आमदई घाटी में जायसवाल निको इंडस्ट्रीज लिमिटेड (JNIL) को ऑयरन ओर माइन्स अलॉट किया गया है। नक्सली लंबे समय से इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि 2024 के मार्च महीने में भी नक्सलियों ने आमदई घाटी माइन्स से ऑयरन ओर ले जा रहे चार ट्रकों को आग लगा दी थी। पुलिस ने बताया था कि एक प्राइवेट कंपनी को आवंटित आमदई घाटी माइन्स से ऑयरन ओर ले जा रहे चार ट्रकों को ओरछा-नारायणपुर रोड पर छोटेडोंगर पुलिस स्टेशन के पास नक्सलियों ने रोक दिया था।
इससे पहले भी नक्सलियों ने मांझी पर यही आरोप लगाए थे और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। मांझी ने सोमवार को PTI-भाषा से बात करते हुए माओवादियों के आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने पहले ही ग्रामीणों को स्पष्ट कर दिया था कि लौह अयस्क खदान से उनका कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिवार से चर्चा के बाद पद्मश्री पुरस्कार लौटाने और अपनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति (traditional medical practice) बंद करने का फैसला किया है।
वैद्यराज ने कहा- 20 साल की उम्र से कर रहा मेडिकल प्रैक्टिस, मैंने नहीं की पद्मश्री की मांग
मांझी ने कहा, ‘माओवादी कहते हैं कि मुझे राष्ट्रपति से पुरस्कार कैसे मिल गया। मैंने पुरस्कार की मांग नहीं की थी। यह मुझे लोगों के प्रति मेरी सेवा के लिए मिला है। मैं 20 साल का भी नहीं था जब से मैं विभिन्न बीमारियों के लिए जड़ी-बूटी दे रहा हूं। खासकर कैंसर के रोगियों के लिए।’
वैद्यराज ने कहा, ‘पहले उन्होंने (नक्सलियों ने) झूठे आरोप लगाकर मेरे भतीजे कोमल मांझी की हत्या कर दी। मेरा परिवार खतरे के साये में जी रहा है।’
PTI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पिछले साल यानी 9 दिसंबर 2023 को नारायणपुर जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी दूर स्थित छोटेडोंगर में नक्सलियों ने आमदई घाटी लौह अयस्क खदान के लिए एजेंट के रूप में काम करने और भारी पैसा कमाने का आरोप लगाते हुए मांझी के भतीजे कोमल मांझी की हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस हेमचंद मांझी को नारायणपुर शहर ले आई जहां वह तीन पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में अपने परिवार के साथ किराए के एक मकान में रह रहे हैं।
मांझी ने कहा, ‘मुझे नारायणपुर में प्रशासन द्वारा एक घर आवंटित किया गया था, लेकिन उसमें कोई चारदीवारी, पानी की सुविधा और अन्य सुविधाएं नहीं थीं, इसलिए मैंने किराए के घर में रहने का फैसला किया। मैं प्रशासन से उचित घर उपलब्ध कराने की अपील करता हूं।’