Narayana Murthy Deep Fake videos: इंफोसिस (Infosys) के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) ने सोशल मीडिया पर उनके बारे में फर्जी वीडियो और पोस्ट के संबंध में सार्वजनिक चेतावनी (public warning) जारी की है।
PUBLIC WARNING ISSUED IN RESPECT OF FAKE VIDEOS AND POSTS ON SOCIAL MEDIA AND INTERNET ABOUT ME
— Narayana Murthy (@Infosys_nmurthy) December 14, 2023
उन्होंने विभिन्न सोशल मीडिया पर मौजूद फर्जी वीडियो और तस्वीरों के बारे में लोगों को आगाह किया है, जिसमें बताया गया है कि उन्होंने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश किया है। वीडियो में मूर्ति की डीपफेक आवाज (deep fake voice) है जो एक इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म क्वांटम एआई (Quantum AI) का समर्थन कर रहे हैं जिसने एलन मस्क (Elon Musk) के साथ साझेदारी करने का दावा किया है।
नारायण मूर्ति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “मैं स्पष्ट रूप से इन एप्लिकेशन या वेबसाइटों के साथ किसी भी समर्थन, संबंध या जुड़ाव से इनकार करता हूं। मैं जनता को आगाह करता हूं कि वे इन दुर्भावनापूर्ण साइटों के कंटेंट और उन प्रोडक्ट तथा सर्विस के शिकार न बनें जो वे आपको बेचने की कोशिश कर रहे हैं। कृपया ऐसे किसी भी दावे की रिपोर्ट संबंधित नियामक अधिकारियों को करें।’’
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उन्होंने एक्स पर आगे लिखा, “हाल के महीनों में, सोशल मीडिया ऐप्स और इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न वेबपेजों के माध्यम से कई फर्जी खबरें प्रचारित की गई हैं, जिनमें दावा किया गया है कि मैंने BTC AI Evex, British Bitcoin Profit, Bit Lyte Sync, Immediate Momentum, Capitalix Ventures नामक आदि ऑटोमेटेड ट्रेडिंग एप्लिकेशन का समर्थन या निवेश किया है। इस तरह के समाचार आइटम धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों पर दिखाई देते हैं जो लोकप्रिय समाचार पत्र वेबसाइटों के रंग-रूप में पेश किए जाते हैं और उनमें से कुछ नकली इंटरव्यू भी पब्लिश करते हैं।”
इससे पहले टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) और जेरोधा (Zerodha) के फाउंडर नितिन कामथ (Nithin Kamath) ने सोशल मीडिया पर जनता को ऐसे फर्जी वीडियो के खिलाफ चेतावनी दी थी।
The rise of AI technology and deepfakes pose a large risk to the financial services industry.
The tipping point for Indian financial services businesses was when onboarding became completely digital, thanks to Aadhaar, etc. For businesses onboarding a new customer, an important… pic.twitter.com/DI9Z1Q3jxY
— Nithin Kamath (@Nithin0dha) December 13, 2023
कामथ ने एक्स पर लिखा, “जैसे-जैसे डीपफेक में सुधार होता है, मुझे लगता है कि समय के साथ यह सत्यापित (validate) करना कठिन हो जाएगा कि दूसरी तरफ का व्यक्ति वास्तविक (rea) है या एआई-जनरेटेड (AI-generated) है। यह समस्या उन बैंकों के लिए बड़ी होगी जिनके पास ऑनबोर्डिंग के दौरान अधिक कठोर नियामक आवश्यकताएं हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इसके आसपास नियम कैसे विकसित होते हैं। अकाउंट खोलने के फिजिकल तरीके पर वापस लौटने से पूरे सेक्टर की ग्रोथ अचानक रुक जाएगी।