मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर में मध्य प्रदेश में निवेश से संबंधित एक इंटरेक्टिव सेशन को संबोधित किया और स्थानीय उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। सेशन में स्थानीय उद्योगपतियों से करीब 2,500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को फरवरी 2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के लिए भी आमंत्रित किया।
यादव ने कोयंबटूर में एक उद्योग कार्यालय खोलने की घोषणा करते हुए कहा कि यह कार्यालय मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के बीच कारोबार बढ़ाने के लिए सेतु का काम करेगा। उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु के उद्योगपतियों ने कोयंबटूर और तिरुपुर को अपने बलबूते पर औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित किया है। हम आपको अपना व्यापार बढ़ाने के नये अवसर देने के लिए मध्य प्रदेश आमंत्रित कर रहे हैं।’
इंटरएक्टिव सत्र में 25 से अधिक उद्योगपतियों तथा चार प्रमुख औद्योगिक संगठनों के साथ बैठक की गई। इंडियन कॉटन कारपोरेशन के साथ प्रदेश में ईएलएस कॉटन के उत्पादन और रकबे को बढ़ावा देने के लिए नालेज शेयरिंग और प्रदेश में कुशल श्रमिकों की उपलब्धता को बढ़ाने तथा टेक्सटाइल क्लस्टर स्थापित करने के लिए तिरुपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के साथ नालेज शेयरिंग एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मध्यप्रदेश में कपास की खेती को बढ़ावा देने और रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट शेयरिंग के लिए साउथ इंडिया मिल्स एसोसिएशन के साथ भी एमओयू हुआ।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री की बदलती जरूरतों के अनुरूप मानव संसाधन तैयार करने के लिए जबलपुर शहर में अत्याधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर की शुरुआत की जा रही है। तिरुपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के साथ एमओयू किया गया है। मध्य प्रदेश देश में टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योग को सर्वोत्तम वित्तीय लाभ का पैकेज दे रहा है।
इंटरेक्टिव् सेशन के दौरान औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, पर्यटन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग यानी एमएसएमई विभागों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर प्रेजेंटेशन दिए गए।