मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सर्किल दरों में इजाफे की संभावनाओं के बीच कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के भोपाल चैप्टर ने सरकार से मांग की है कि गाइडलाइन दरों को प्री-कोविड स्तर पर लाया जाए तथा अगले तीन सालों तक सर्किल रेट में किसी भी तरह के इजाफे को प्रतिबंधित किया जाए।
क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज सिंह मीक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘भोपाल में सर्किल रेट में प्रस्तावित बढ़ोतरी अचल संपत्ति उद्योग आम जनता और प्रधानमंत्री के हाउसिंग फॉर ऑल मिशन समेत कई लक्ष्यों को प्रभावित करेगा। लगातार बढ़ोतरी से भोपाल का संपत्ति बाजार अस्थिर हो गया है। इसके चलते भोपाल में निवेश कम हुआ है और संपत्तियों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि निम्न और मध्य वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना सपना बन गया है।’
क्रेडाई प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से मुलाकात करके तीन वर्षों की लॉक इन अवधि समेत अपनी मांगें उनके समक्ष प्रस्तुत कीं। क्रेडाई पदाधिकारियों के अनुसार उपमुख्यमंत्री ने उसकी चिंताओं से सहमति प्रकट करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर वर्ष सामने आने वाली इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने का प्रयास किया जाए और इस दौरान क्रेडाई समेत सभी अंशधारकों के साथ बैठक कर मामले को ठीक तरह से समझा जाए।
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मुलाकात के बाद क्रेडाई अध्यक्ष ने कहा, ‘भोपाल में सर्किल रेट में असमय वृद्धि के कारण आम जन तथा उद्योगों पर दबाव बना है। उम्मीद है कि उप मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद इस दिशा में सार्थक परिणाम निकलेंगे।’
उल्लेखनीय है कि भोपाल में बीते सोमवार को जिला मूल्यांकन समिति की बैठक के पश्चात शहर में 243 स्थानों पर दरों में पांच से 200 प्रतिशत तक का इजाफा करने की सिफारिश को मंजूरी के लिए केंद्रीय मूल्यांकन समिति के पास भेजा गया। उसकी मंजूरी मिलने के बाद तय तारीख से दरों में इजाफा कर दिया जाएगा।