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मणिपुर में डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग पर छात्रों का उग्र प्रदर्शन, 40 से अधिक घायल

छात्रों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है, जिसके तहत लोगों के घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी है।

Last Updated- September 10, 2024 | 11:04 PM IST
Fierce demonstration by students demanding removal of DGP and security advisor in Manipur, more than 40 injured मणिपुर में डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग पर छात्रों का उग्र प्रदर्शन, 40 से अधिक घायल

मणिपुर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और राज्य के सुरक्षा सलाहकार को पद से हटाने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए राजभवन की ओर कूच करने के प्रयास के दौरान, सुरक्षा बलों के साथ झड़प में 40 से अधिक छात्र घायल हुए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि हजारों छात्रों और महिला प्रदर्शनकारियों ने बी टी रोड पर राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें कांग्रेस भवन के पास रोक दिया।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर और कंचे फेंके, जिसके चलते पुलिसकर्मियों को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी विरोध रैली निकाली और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका। अधिकारी ने बताया कि बाद में वे राज्य सचिवालय की ओर बढ़े, लेकिन उन्हें इंफाल पश्चिम जिले के काकवा में रोक दिया गया। छात्र मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने में कथित रूप से अक्षम रहने को लेकर डीजीपी और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि झड़पों में 40 से अधिक छात्र घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

छात्रों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है, जिसके तहत लोगों के घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी है। वहीं, थौबल में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (2) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।

इस बीच, मणिपुर सरकार ने छात्रों के उग्र आंदोलन के बीच मंगलवार को पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाओं को पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया। राज्य के गृह विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि यह निर्णय तस्वीरों, नफरती भाषण और घृणास्पद वीडियो के प्रसारण के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को रोकने के लिए लिया गया था।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने जातीय संघर्ष प्रभावित मणिपुर में सुरक्षा ड्यूटी के लिए करीब 2,000 कर्मियों वाली दो और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) बटालियनों की तैनाती का भी निर्देश दिया है।

First Published - September 10, 2024 | 11:04 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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