मौसम विभाग ने ताजा अनुमान में कहा है कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून अगले 48 घंटे में केरल के तट पर पहुंच जाएगा। बहरहाल कुछ मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ‘बिपोरजॉय’ चक्रवात के असर के कारण केरल के तट पर मॉनसून सुस्त रह सकता है, जो इस साल अरब सागर में आने वाला पहला तूफान है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह चक्रवात मॉनसून की प्रगति बाधित कर सकता है।
मौसम विभाग ने कहा है कि गंभीर चक्रवाती तूफान उत्तर की ओर घूम सकता है और यह बहुत गंभीर चक्रवात में बदल रहा है। उसके बाद के 3 दिनों में यह उत्तर- उत्तर पश्चिम का रुख कर सकता है।
बहरहाल मौसम विभाग ने अरब सागर के निकट के देशों भारत, ओमान, ईरान और पाकिस्तान पर इसके किसी व्यापक असर की भविष्यवाणी अब तक नहीं की है।
दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की शुरुआत का असर बाद के मौसम की स्थिति पर होता है। कुल सालाना बारिश में इसकी वजह से 75 प्रतिशत बारिश होती है और इससे भारत में आधे से ज्यादा कृषि भूमि की सिंचाई होती है। ऐसे में इसका कृषि उत्पादन पर व्यापक असर होता है। मौसम विभाग ने ताजा अनुमान में कहा है कि दक्षिणी अरब सागर पर तेज पछुआ हवाएं और दक्षिण पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप व केरल के तटवर्ती इलाके बादलों से घिरे हैं।
मौसम विभाग ने कहा, ‘ऐसी स्थिति अगले 48 घंटे में केरल के तटवर्ती इलाकों में मॉनसून पहुंचने के संकेत दे रही है।’इसमें कहा गया है कि दक्षिणी अरब सागर, लक्षद्वीप, कोमोरिन इलाके, दक्षिण पश्चिम के दूरस्थ इलाकों, बंगाल की खाड़ी के मद्य, उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ इलाकों और पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में भी इस अवधि के दौरान मौसम के आगे बढ़ने के लिए स्थिति अनुकूल है।
उधर मौसम का अनुमान लगाने वाली निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काईमेट ने भी अनुमान लगाया है कि केरल के तट पर 9 जून को मॉनसून पहुंच सकता है।