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Monsoon Rains: जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना, खरीफ फसलों को मिलेगा फायदा

Monsoon Rains: पूरे देश में औसत बारिश 28.04 सेंटीमीटर रहती है, इस साल इससे अधिक बारिश की उम्मीद है।

Last Updated- July 01, 2024 | 10:27 PM IST
Weather: Monsoon rainfall in Mumbai

मौसम विभाग ने कहा है कि जून में असमान बारिश के बाद जुलाई में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की बारिश जोरदार रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि जुलाई में देश भर में मॉनसूनी बारिश सामान्य से अधिक, दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 106 प्रतिशत रह सकती है।

देश में जुलाई में बारिश का दीर्घावधि औसत 28.04 सेंटीमीटर है और इस साल जुलाई में इससे अधिक बारिश की उम्मीद है। अधिक बारिश से खरीफ की फसलों की बोआई तेज हो सकती है, जो पिछले सप्ताह तक पिछले साल की समान अवधि में हुई बोआई के रकबे से 30 प्रतिशत अधिक थी।

खरीफ में खासकर दलहन और तिलहन का उत्पादन बेहतर रहने से सरकार को महंगाई के खिलाफ लड़ाई में मदद मिल सकती है। जून से शुरू दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के 3 महीनों में जुलाई और अगस्त के महीने महत्त्वपूर्ण होते हैं और इन दो महीनों में सीजन में होने वाली कुल मौसमी बारिश की 60 प्रतिशत बारिश होती है।

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर के साथ गोदावरी और महानदी डेल्टा में सामान्य से अधिक बारिश से नदियों में बाढ़ आ सकती है, लेकिन अभी कुछ अनुमान लगाना कठिन है।’

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत और पश्चिमोत्तर के कुछ इलाकों और पूर्वी तथा दक्षिण पूर्व के द्वीपीय इलाकों को छोड़कर देश के ज्यादातर इलाकों में जुलाई में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। महापात्र ने कहा कि अल नीनो खत्म हो चुका है और अब प्रशांत महासागर में तटस्थ स्थिति बनी हुई है, जो धीरे धीरे ला नीना की ओर बढ़ेगा।

मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिमी तट को छोड़कर जुलाई में उत्तर पश्चिम भारत और दक्षिण के द्वीपीय इलाकों सहित तमाम इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे रह सकता है। देश के ज्यादातर इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।

महापात्र ने कहा कि जुलाई में बारिश को लेकर उम्मीद की एक और वजह यह है कि आंकड़ों से पता चलता है कि 25 में से 20 साल, जब जून में बारिश सामान्य से कम रहती है तो जुलाई में दीर्घावधि औसत से ज्यादा बारिश होती है। मौसम विभाग ने साफ किया है कि पिछले सप्ताह राजधानी दिल्ली में हुई मूसलाधार बारिश, बादल फटने की वजह से नहीं हुई थी, जिसने व्यवस्था को घुटने पर ला दिया था।

ऐसा इसलिए है क्योंकि सफदरजंग स्थित शहर के प्राथमिक मौसम केंद्र ने 28 जून को सुबह 5 बजे से 6 बजे के बीच 91 मिमी बारिश दर्ज की। वहीं लोधी रोड स्थित मौसम केंद्र ने सुबह 5 बजे से 6 बजे तक 64 मिमी और सुबह 6 बजे से 7 बजे तक 89 मिमी बारिश दर्ज की।

First Published - July 1, 2024 | 10:27 PM IST

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