Monsoon Update: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून इस साल 27 मई को केरल तट पर पहुंच सकता है। यह सामान्य शुरुआत तिथि 1 जून से पांच दिन पहले होगा।
मौसम विभाग के अनुसार, यदि मानसून की गति और रफ्तार आने वाले महीनों में बनी रहती है, तो इसका खरीफ फसलों की बुवाई पर सकारात्मक असर पड़ेगा। इससे पहले 2022 में मानसून ने 29 मई को केरल में दस्तक दी थी।
गौरतलब है कि केरल में मानसून की शुरुआत होते ही यह पूरे देश में चार महीने की वर्षा यात्रा पर निकलता है, जो सितंबर में राजस्थान के पश्चिमी छोर से मानसून की वापसी के साथ समाप्त होती है।
इस साल भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और निजी एजेंसी स्काइमेट दोनों ने अच्छे मानसून की उम्मीद जताई है। पूरे देश में जून से सितंबर के बीच बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक रह सकती है।
ALSO READ: बीमा लेने से पहले जान लें ये बात, नहीं तो मुश्किल में पड़ जाएगा क्लेम
अच्छी और भरपूर बारिश से न सिर्फ खेती को फायदा मिलेगा, बल्कि जलाशय भी भर सकेंगे। ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था, जो मुख्य रूप से खेती पर निर्भर करती है, भी मजबूत होगी।
IMD ने पिछले महीने अपनी पहली आधिकारिक भविष्यवाणी में कहा था कि 2025 में मानसून “सामान्य से अधिक” रह सकता है। यह अनुमान औसतन 105% लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) यानी दीर्घकालिक औसत के आधार पर लगाया गया है।
इस अनुमान में ±5% की त्रुटि की संभावना है। लगातार दूसरे साल IMD ने सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान जताया है। भारत में जून से सितंबर के बीच दीर्घकालिक औसत वर्षा 87 सेंटीमीटर मानी जाती है। अगर बारिश 96% से 104% के बीच होती है, तो उसे सामान्य माना जाता है।
IMD के मुताबिक, साल 2025 में दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य से ज्यादा (Above Normal) रहने की 59 फीसदी संभावना है। इसके अलावा, 30 फीसदी संभावना है कि बारिश सामान्य रहेगी, जबकि सिर्फ 2 फीसदी संभावना है कि मानसून कमजोर रहेगा।
आईएमडी के लंबे अवधि के मानसून पूर्वानुमान के अनुसार, इस बार जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, तमिलनाडु, बिहार और उत्तर-पूर्वी राज्यों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।
वहीं, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य—जो देश का प्रमुख वर्षा आधारित कृषि क्षेत्र कहलाते हैं—वहां सामान्य से लेकर सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना जताई गई है।
इससे पहले निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट ने भी अनुमान जताया था कि 2025 में मानसून सामान्य रहेगा और यह लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) का करीब 103 फीसदी हो सकता है।